जयपुर, 25 फरवरी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को राज्य के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया और प्रभावित लोगों से मिले।
गहलोत ने हेलीकॉप्टर से सबसे पहले बूंदी जिले में अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने कोटा जिले में राजस्थान-मध्य प्रदेश सीमा तक अतिवृष्टि के कारण बनी स्थिति का मुआयना किया।
इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, पीपल्दा के विधायक रामनारायण मीणा व सांगोद के विधायक भरत सिंह कुंदनपुर उनके साथ थे।
आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार इसके बाद गहलोत ने कोटा में राहत कैंप में मौजूद अतिवृष्टि प्रभावित लोगों से मुलाकात कर वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। कैंप में मौजूद लोगों ने सरकार एवं प्रशासन द्वारा की गयी व्यवस्था पर प्रसन्नता जताई।
प्रवक्ता ने बताया कि गहलोत का झालावाड़ जिले के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने व प्रभावित लोगों से मिलने का कार्यक्रम भी था। लेकिन झालावाड़ जिले में मौसम खराब होने की वजह से वे वहां का दौरा नहीं कर पाए।
उल्लेखनीय है कि भारी बारिश, नदियों में पानी की बढ़ी आवक और बांधों के फाटक खोले जाने के कारण इस सप्ताह कोटा संभाग में अनेक जगह बाढ़ के हालात बन गए। अनेक आवासीय इलाके पानी में डूब गए और दो दिन में चार हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा।
इससे सबसे अधिक कोटा, झालावाड़ और बूंदी जिले प्रभावित हुए हैं। प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव कार्य में मदद के लिए भारतीय सेना और वायुसेना की भी मदद ली गई है।
इस बीच मौसम विभाग ने कहा है कि आगामी चार-पांच दिनों के दौरान राज्य में भारी बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन छिटपुट स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश संभव है। इसके अनुसार पिछले 24 घंटों में राज्य में कहीं भी भारी बारिश दर्ज नहीं की गई है। इस दौरान सबसे अधिक बारिश 40 मिलीमीटर मकराना, नागौर में हुई।
पृथ्वी कुंज
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)