जयपुर, 20 सितंबर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ अपने पांच दशक पुराने रिश्तों को याद किया. इसके साथ ही उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में धनखड़ से उनकी ‘जादूगरी का राज’ पूछा, जिसके चलते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में भाग नहीं लेने का फैसला किया. अपने जवाब में धनखड़ ने कहा कि ‘‘राजनीतिक निर्णय कैसे लिए जाते हैं, इसके बारे में गहलोत व अन्य नेता प्रकाश डाल सकते हैं.’’ इसके साथ ही धनखड़ ने उस ‘कदम’ के लिए ममता बनर्जी का आभार व्यक्त किया. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को उपराष्ट्रपति धनखड़ का सम्मान किया गया, जो मूल रूप से राजस्थान के ही हैं.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री गहलोत ने धनखड़ के साथ अपने लगभग पांच दशक पुराने राजनीतिक व घरेलू संबंधों को याद किया. इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में धनखड़ व वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच ‘खींचतान’ का भी जिक्र किया. गहलोत ने कहा, ‘‘आप (धनखड़) तीन साल पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे और इन तीन साल में मेरे ख्याल से ऐसा कोई दिन नहीं गया जब धनखड़ साहब व ममता बनर्जी चर्चा में नहीं रहे हों. और उसके बाद कौन सा ऐसा जादू आपने किया कि उन्हीं ममता बनर्जी ने आपके (धनखड़) उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने पर आपको जिताने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से ‘अनुपस्थित’ रहने का फैसला किया. यह राज क्या है. ये राज अभी तक मेरी समझ में नहीं आया.’’ यह भी पढ़ें : उप्र: रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के नाम पर ठगी करने के आरोप में दो लोग गिरफ्तार
गहलोत ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘आपने ममता बनर्जी पर क्या जादू किया जबकि जादूगर तो मैं हूं. आपने कैसे जादू कर दिया. मुझसे बड़ा भी जादूगर कोई है क्या हिंदुस्तान में, मैं यह आपसे समझना चाहता हूं.’’ धनखड़ ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री जी ने पूछा है कि वह कौनसा जादू है, जिसकी वजह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने, ‘वो’ निर्णय लिया... मैं राजनीति से परे हूं, राजनीतिक निर्णय कैसे और किस आधार पर लेते हैं इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, (पूर्व मुख्यमंत्री) वसुंधरा राजे ही प्रकाश डाल सकते हैं.’’