अबुधाबी, 26 सितंबर रविंद्र जडेजा ने अपने आक्रामक तेवरों का दिलचस्प नजारा पेश करते हुए रविवार को यहां आठ गेंदों पर 22 रन बनाये जिससे चेन्नई सुपर किंग्स ने कुछ विषम पलों से गुजरने के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) पर दो विकेट की रोमांचक जीत दर्ज करके इंडियन प्रीमियर लीग में अपना विजय अभियान जारी रखा।
चेन्नई के सामने 172 रन का लक्ष्य था। फाफ डुप्लेसिस (30 गेंदों पर 44 रन) और रुतुराज गायकवाड़ (28 गेंदों पर 40 रन) ने पहले विकेट के लिये 74 रन जोड़कर उसे अच्छी शुरुआत दिलायी। मोईन अली ने 28 गेंदों पर 32 रन बनाये लेकिन वह जडेजा थे जिन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में दो चौके और दो छक्के जड़े जिससे चेन्नई ने आठ विकेट खोकर लक्ष्य हासिल किया।
केकेआर ने इससे पहले नियमित अंतराल में विकेट गंवाये। उसके शीर्ष क्रम में केवल राहुल त्रिपाठी (33 गेंदों पर 45 रन) ही उपयोगी योगदान दे पाये। नितीश राणा (27 गेंदों पर नाबाद 37) और दिनेश कार्तिक (11 गेंदों पर 26 रन) के प्रयासों से केकेआर ने अंतिम तीन ओवरों में 44 रन जुटाये जिससे टीम ने छह विकेट पर 171 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया।
चेन्नई को अंतिम दो ओवरों में 26 रन की दरकार थी। ऐसे में जडेजा ने प्रसिद्ध कृष्णा के 19वें ओवर की आखिरी चार गेंदों पर दो छक्के और दो चौके लगाये। सुनील नारायण (41 रन देकर तीन) अंतिम ओवर करने आये जिसमें चेन्नई को चार रन चाहिए थे। नारायण ने बेहतरीन गेंदबाजी करके सैम करेन (चार) और जडेजा का आउट कर दिया लेकिन दीपक चाहर विजयी रन लेने में सफल रहे।
चेन्नई की यह आईपीएल बहाल होने के बाद लगातार तीसरी जीत है जिससे उसके 10 मैचों में 16 अंक हो गये हैं और वह अंकतालिका में शीर्ष पर पहुंच गया है। केकेआर ने लगातार दो जीत के बाद हार झेली। उसके 10 मैचों में आठ अंक हैं।
चेन्नई ने पावरप्ले में बिना किसी नुकसान के 52 रन बनाये। गायकवाड़ और डुप्लेसिस ने गेंदबाजों को हावी नहीं होने दिया। इयोन मोर्गन ने पावरप्ले में चार गेंदबाज आजमाये लेकिन चेन्नई की सलामी जोड़ी ने गेंद को सीमा रेखा तक पहुंचाना जारी रखा।
गायकवाड़ की टाइमिंग शानदार थी। उन्होंने नारायण पर दो छक्के जड़ने के बाद आंद्रे रसेल का स्वागत भी छह रन से किया लेकिन अगली गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर कवर में कैच में बदल गयी। उन्होंने तीन छक्कों के अलावा दो चौके भी लगाये।
चेन्नई ने 11वें ओवर में 100 का आंकड़ा छुआ। इसमें मोईन का योगदान भी था जिन्होंने लॉकी फर्गुसन पर चौका और छक्का लगाकर हाथ खोले थे। गायकवाड़ की तरह डुप्लेसिस भी अर्धशतक तक नहीं पहुंच पाये। फर्गुसन ने डीप प्वाइंट पर उनका अच्छा कैच लपका। डुप्लेसिस ने सात चौके जमाये।
सुनील नारायण ने अंबाती रायुडु (नौ) का ऑफ स्टंप थर्राकर चेन्नई को दबाव में ला दिया। रन नहीं बन पाने के दबाव में मोईन ने अपना विकेट गंवा दिया। सुरेश रैना (11) रन आउट हो गये और वरुण चक्रवर्ती ने गुगली पर महेंद्र सिंह धोनी (एक) को बोल्ड करके चेन्नई समर्थकों को निराश कर दिया, लेकिन जडेजा ने पूरे समीकरण बदल दिये।
इससे पहले जडेजा ने कसी हुई गेंदबाजी भी की। उन्होंने चार ओवरों में 21 रन देकर एक विकेट लिया। शार्दुल ठाकुर (चार ओवर में 20 रन देकर दो) ने भी अच्छी गेंदबाजी की लेकिन ड्वेन ब्रावो की जगह चुने गये करेन (चार ओवर में 56 रन) और जोश हेजलवुड (40 रन देकर दो) महंगे साबित हुए। चेन्नई ने बीच में आठ ओवरों में केवल 43 रन दिये थे।
केकेआर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, लेकिन पावरप्ले में ही उसके दोनों सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल (नौ) और धमाकेदार शुरुआत दे रहे वेंकटेश अय्यर (15 गेंदों पर 18 रन) पवेलियन लौट गये। गिल रन आउट हुए तो अय्यर ने शार्दुल की गेंद पर विकेट के पीछे कैच दिया।
मोर्गन (14 गेंदों पर आठ रन) संघर्ष जारी रहा। डुप्लेसिस ने लांग ऑन पर उनका बेहतरीन कैच लिया। दूसरे छोर से रन बनाने का जिम्मा उठा रहे त्रिपाठी को जडेजा ने टर्न लेती गेंद पर बोल्ड किया। त्रिपाठी ने चार चौकों के अलावा करेन पर छक्का भी लगाया।
राणा ने जोश हेजलवुड पर छक्का जड़कर 14वें ओवर में टीम का स्कोर तिहरे अंक में पहुंचाया। केकेआर का लक्ष्य 170 रन तक पहुंचना था और इसके लिये उसकी निगाहें आंद्रे रसेल (15 गेंदों पर 20 रन) पर टिकी थी। इस कैरेबियाई धुरंधर ने करेन पर दो चौके और एक छक्का जड़कर हाथ खोले, लेकिन चाहर ने दबाव बनाया और शार्दुल ने उन्हें बोल्ड कर दिया।
कार्तिक और राणा ने अंतिम तीन ओवरों में रन गति बनाये रखकर टीम को अच्छे स्कोर तक पहुंचाया। करेन का आखिरी ओवर भी महंगा साबित हुआ जिसमें कार्तिक ने दो चौके और छक्का लगाया।
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