पणजी, 14 नवंबर भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की गोवा शाखा ने चेन्नई के एक अस्पताल में एक मरीज के रिश्तेदार द्वारा एक कैंसर विशेषज्ञ पर किए गए हमले की निंदा की है और देश में चिकित्सकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए एक कठोर एवं निवारक कानून बनाने की मांग की है।
चिकित्सा संघ ने कहा कि ऐसे मामलों की त्वरित सुनवाई की जरूरत है और दोषियों को कठोर सजा दी जानी चाहिए।
अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, चेन्नई के कलैगनार सेंटेनरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बुधवार को डॉ. बालाजी जगन्नाथन (53) पर एक व्यक्ति ने कम से कम सात बार चाकू से हमला किया। हमला करने वाले व्यक्ति ने अपनी मां के उपचार को लेकर कथित तौर पर शिकायत की थी।
उन्होंने बताया कि चिकित्सक का उपचार किया जा रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
घटना के बाद 26 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
हमले की निंदा करते हुए आईएमए गोवा के अध्यक्ष डॉ. संदेश चोडनकर ने बुधवार को कहा, ‘‘चिकित्सा पेशेवरों पर हमला पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक नियमित और बार बार होने वाली घटना बन गया है, जो स्पष्ट रूप से इस महान पेशे के अस्तित्व को खतरे में डालने वाले हालात तथा सुरक्षा मुद्दों के हल में सरकार की विफलता को उजागर करता है।’’
उन्होंने कहा कि अगस्त में कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना के बाद सामुदायिक जागरूकता, सांकेतिक हड़ताल, रैलियां, कैंडल मार्च जैसे प्रदर्शन के बावजूद यह घटना घटी है।
चोडनकर ने कहा कि आईएमए राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सकों के खिलाफ हिंसा के लिए एक मजबूत और कठोर केंद्रीय कानून की मांग कर रहा है, जिसमें ऐसे मामलों की तेजी से सुनवाई हो और दोषियों को असाधारण तथा अनुकरणीय सजा मिले।
चेन्नई की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मरीजों और उनके तीमारदारों द्वारा किया गया यह कृत्य इस समय रुकने वाला नहीं है, जो स्पष्ट रूप से व्यवस्था की विफलता को उजागर करता है।
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