मुंबई, 13 नवंबर भारतीय बल्लेबाज लोकेश राहुल ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में बड़े शॉट लगाने की अपनी क्षमता साबित करने के लिए ‘बहुत मेहनत’ की लेकिन दिग्गज राहुल द्रविड़ और केन विलियमसन को अपने स्वाभाविक खेल पर कायम रहने के बावजूद सफेद गेंद के प्रारूपों में सफल होते हुए देखकर उनका नजरिया बदल गया और एक खिलाड़ी के रूप में उन्हें विकसित होने में मदद मिली।
राहुल ने स्वीकार किया कि अपने युवा दिनों में वह अक्सर कुछ ऐसा बनने की कोशिश करते थे जो वह नहीं थे।
राहुल ने ‘स्टार स्पोर्ट्स’ को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं एक व्यक्ति और एक खिलाड़ी के रूप में विकसित हुआ हूं। एक युवा खिलाड़ी के रूप में मैंने वह बनने की बहुत कोशिश की जो मैं नहीं था, बड़े छक्के मारने की कोशिश की ताकि मैं साबित कर सकूं कि मैं ऐसा कर सकता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्वाभाविक नहीं था। मेरे लिए जो बदलाव आया वह 2011 या 2012 के आसपास आईपीएल सत्र में से एक में राहुल द्रविड़ को देखना था। वह अपनी तकनीक पर कायम रहे और वह सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक थे। उन्हें अपने खेल में बदलाव किए बिना एकदिवसीय और टी20 क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखकर मेरे अंदर कुछ बदलाव आया।’’
भारत के लिए 53 टेस्ट, 77 एकदिवसीय और 72 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले 32 वर्षीय राहुल ने सनराइजर्स हैदराबाद से जुड़े होने के दौरान आधुनिक क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक विलियमसन के साथ ड्रेसिंग रूम में समय बिताया।
विलियमसन और द्रविड़ दोनों को देखकर राहुल को अहसास हुआ कि वह अपने स्वाभाविक खेल पर कायम रहकर भी टी20 क्रिकेट में सफल हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सनराइजर्स में केन विलियमसन के साथ भी समय बिताया। उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले लेकिन फिर वह वापस गए और न्यूजीलैंड के लिए सफेद गेंद के क्रिकेट में शानदार पारियां खेलीं।’’
विलियमसन ने कहा, ‘‘द्रविड़ और विलियमसन को देखकर मुझे अहसास हुआ कि मुझे इतना कड़ा प्रयास करने की जरूरत नहीं है। मेरे पास कुछ ऐसे गुण हैं जिनका इस्तेमाल मैं टी20 क्रिकेट में सफलता पाने के लिए कर सकता हूं।’’
राहुल ने 2013 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (आरसीबी) के साथ अपना आईपीएल करियर शुरू किया। उन्होंने 2016 में बेंगलुरू फ्रेंचाइजी में लौटने से पहले सनराइजर्स में दो सत्र बिताए। वह आरसीबी में विराट कोहली और एबी डिविलियर्स जैसे खिलाड़ियों के साथ खेले जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा।
उन्होंने कहा, ‘‘एक बार जब मैंने उस मानसिकता को अपनाया तो चीजें मेरे लिए सही हो गईं। 2016 के आईपीएल में मुझे विराट और एबी का मार्गदर्शन मिला जो कि सबसे अच्छे टी20 खिलाड़ी हैं। ट्रेनिंग के दौरान उनसे अपने खेल के बारे में बात करने से ही फर्क पड़ा। एक बार जब प्रदर्शन अच्छा हुआ तो आत्मविश्वास बढ़ने लगा।’’
राहुल ने 2018 के आईपीएल सत्र में पंजाब किंग्स (तब किंग्स इलेवन पंजाब) के लिए 14 गेंद में अर्धशतक बनाया जिसने उनके लिए 11 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
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