कोरोना संकट: मोदी सरकार का नियमों में बदलाव, कंपनियों का पीएम केयर्स फंड में योगदान उनका सीएसआर खर्च माना जायेगा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सरकार ने कंपनियों के कंपनी सामाजिक जवाबदेही (सीएसआर) नियमों में कुछ बदलाव किये हैं जिससे उनकी ओर से पीएम केयर्स फंड में किये जाने वाले योगदान को सीएसआर खर्च माना जायेगा।
नयी दिल्ली, 27 मई, सरकार ने कंपनियों के कंपनी सामाजिक जवाबदेही (सीएसआर) नियमों में कुछ बदलाव किये हैं जिससे उनकी ओर से पीएम केयर्स फंड में किये जाने वाले योगदान को सीएसआर खर्च माना जायेगा. कंपनी कानून 2013 के तहत कुछ खास श्रेणी में आने वाली कंपनियों को किसी एक वर्ष में उनके पिछले तीन साल के औसत शुद्ध मुनाफे का कम से कम दो प्रतिशत कारपोरेट सामाजिक जवाबदेही गतिविधियों में खर्च करना होता है.
कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने मार्च में कहा था कि कंपनियों द्वारा पीएम केयर्स फंड में किया जाने वाला योगदान उनका सीएसआर खर्च माना जायेगा. कंपनी कानून का क्रियान्वयन कारपोरेट कार्य मंत्रालय के तहत ही आता है. मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुये यह फैसला किया था.मंत्रालय ने अब अपने इस फैसले को अमली जामा पहनाते हुये कानून की अनुसूची- सात में जरूरी बदलाव कर दिये हैं. कंपनी कानून की अनुसूची- सात कंपनियों की सीएसआर गतिविधियों के बारे में है. यह भी पढ़े | टिड्डी दल का आक्रमण: टिड्डियों से जुड़ी ये बातें शायद ही जानते होंगे आप, एक बार जरुर पढ़ें.
मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘अनुसूची- सात में आठवां नाम .. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष शब्दों के साथ ही आपात स्थिति में प्रधानमंत्री के नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएमकेयर्स फंड) को जोड़ा गया है।’’
इस अधिसूचना को 28 मार्च 2020 को लागू हुआ माना जायेगा। पीएम केयर्स कोष का इस्तेमाल कोरोना वायरस महामारी के प्रसार जैसी आपात और कठिन परिस्थितियों में किया जायेगा।
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