लीड्स, 26 अगस्त भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने खुलासा किया कि उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ हैंडिग्ले में तीसरे टेस्ट मैच के पहले दिन अंपायर के कहने पर अपना ‘स्टांस’ बदलना पड़ा क्योंकि स्विंग से निबटने के लिये क्रीज के बाहर खड़े होने से पिच के ‘डेंजर एरिया’ (स्टंप के सीध में पिच का क्षेत्र) में पांवों के निशान बन रहे थे।
भारतीय टीम मैच के पहले दिन अपनी पहली पारी में 78 रन पर सिमट गयी जिसके जवाब में इंग्लैंड ने बिना किसी नुकसान के 120 रन बनाकर 42 रन की बढ़त हासिल कर ली है।
पंत ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद बुधवार को वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं क्रीज के बाहर खड़ा था और मेरा अगला पांव डेंजर एरिया में आ रहा था इसलिए उन्होंने (अंपायर) मुझसे कहा कि मैं यहां पर खड़ा नहीं हो सकता हूं। ’’
बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘इसलिए मुझे अपना स्टांस बदलना पड़ा लेकिन एक क्रिकेटर होने के नाते मैं इस बारे में अधिक नहीं सोचता क्योंकि जो भी ऐसा करता, अंपायर उससे भी वही बात करते। मैंने अगली गेंद पर वैसा नहीं किया।’’
पंत ने कप्तान विराट कोहली के टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के फैसले को भी सही करार दिया लेकिन स्वीकार किया कि सुबह विकेट नरम था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह खेल का हिस्सा है। प्रत्येक दिन बल्लेबाजी इकाई अपना शत प्रतिशत देती है लेकिन हर समय सब कुछ अच्छा नहीं होता है। ’’
पंत ने कहा, ‘‘सुबह विकेट थोड़ा नरम था और उन्होंने अच्छे क्षेत्र में गेंदबाजी की। हमें बेहतर बल्लेबाजी करनी चाहिए थी। हम इससे सबक ले सकते हैं। क्रिकेटर के रूप में हम यही कर सकते हैं। आप अपनी गलतियों से सीखते हो और सुधार करते हो।’’
उन्होंने कहा कि पिच में नमी होने के बावजूद पहले बल्लेबाजी का फैसला टीम ने मिलकर लिया था।
पंत से पूछा गया कि क्या पहले बल्लेबाजी का फैसला गलत था, उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा नहीं मानता। हम जो भी निर्णय लेते हैं एक टीम के रूप में लेते हैं। इसलिए एक बार जब हमने पहले बल्लेबाजी का फैसला कर दिया तो हम उस फैसले का समर्थन करके आगे बढ़ेंगे। हां हम बेहतर बल्लेबाजी कर सकते थे लेकिन हम टॉस के बारे में बहुत अधिक नहीं सोच सकते। ’’
शीर्ष क्रम की लगातार नाकामी के कारण पंत को जल्द ही क्रीज पर उतरना पड़ रहा है लेकिन वह इसे मौके के तौर पर देखते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जो भी स्थिति हो आपको पहले टीम के बारे में और उस स्थिति में आप क्या कर सकते हैं, इसके बारे में सोचना होता है। यदि शीर्ष क्रम नहीं चल पाता है तो आपको मौका मिलता है। मैं इसे अवसर के रूप में देखता हूं और यदि आप उस स्थिति से टीम को बाहर निकाल देते हो तो यह एक क्रिकेटर के तौर पर आपकी बड़ी उपलब्धि होगी। ’’
पंत से पूछा गया कि क्या वह इंग्लैंड में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सहज महसूस कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेटर के रूप में आपके पास दो विकल्प होते हैं – पहला आप टीम के बारे में सोचो और दूसरा आप व्यक्तिगत प्रदर्शन पर गौर करो, यहां इस तरह की संस्कृति तैयार की गयी है प्रत्येक टीम के बारे में सोचता है, व्यक्तिगत प्रदर्शन मायने नहीं रखता है। ’’
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