नयी दिल्ली, 15 अगस्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश की कृषि व्यवस्था में बदलाव समय की मांग है और इसके लिए सरकार किसानों को मदद दे रही है ताकि पारंपरिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा मिल सके।
उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारत को ‘‘जैविक खाद्यान्न का भंडार’’ बनाना है तथा भारत के किसान इसे संभव बनाने की क्षमता रखते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी कृषि व्यवस्था में बदलाव लाना जरूरी है, यह समय की मांग है। हम सदियों से जिस परंपरा में जकड़े हुए हैं, उससे मुक्ति पानी होगी। हमारे किसानों को उसके लिए हम मदद दे रहे हैं। बदलाव की दिशा में हम लगातार काम करते आ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज धरती माता के प्रति सारा विश्व चिंतित है। उर्वरक के कारण धरती माता की सेहत बिगड़ती जा रही है, उत्पादन क्षमता कम होती जा रही है। ऐसे में मैं उन लाखों किसानों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने प्राकृतिक खेती का रास्ता चुना है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘इस बार बजट में हमने प्राकृतिक खेती को बल देने के लिए बजट का प्रावधान किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैविक भोजन लोगों की पसंद है। मेरे देश का किसान भारत को ‘जैविक खाद्यान्न का भंडार’ बना सकते हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के विकास के लिए समग्र प्रयास किया जा रहा है।
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