मुंबई, आठ जून केंद्र सरकार ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वर्तमान में वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, बिस्तर पर पड़े और व्हीलचेयर की सहायता वाले लोगों का घर-घर जाकर कोविड-19 टीकाकरण संभव नहीं है। हालांकि, उसने ऐसे लोगों के लिए ''घर के पास'' टीकाकरण केंद्र शुरू करने का निर्णय लिया है।
केंद्र सरकार ने अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि टीकाकरण को लेकर बनाए गए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) की 25 मई की बैठक में ऐसे लोगों के लिए घर-घर जाकर टीका लगाने के मुद्दे पर विचार करने के बाद ''घर के पास'' टीकाकरण केंद्र शुरू करने को उपयुक्त समाधान बताया है।
अदालत ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि भारत में करीब 25 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने कहा, '' कौन सा दूसरा ऐसा देश है जोकि भारत की तरह इतनी बड़ी संख्या में आबादी का टीकाकरण करने में समर्थ है। सरकार घर-घर जाकर टीकाकरण कर सकती है। आपको (सरकार) खुद अपना रास्ता तलाश करना होगा।''
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने पिछले महीने एनईजीवीएसी को वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, बिस्तर पर पड़े और व्हीलचेयर की सहायता वाले लोगों के लिए घर-घर जाकर कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने की संभावना पर विचार करने का निर्देश दिया था।
अदालत ने दो वकीलों द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिए थे। याचिका में कई लोगों द्वारा टीकाकरण केंद्र जाने में असमर्थ होने को लेकर चिंता जताई गई थी। अदालत इस मामले में बुधवार को सुनवाई जारी रखेगी।
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