हिमाचल की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे केंद्र, जरूरत पड़ी तो प्रधानमंत्री से मुलाकात करूंगा: सुक्खू
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शिमला, 04 सितंबर: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को कहा कि केंद्र को राज्य में भारी बारिश के कारण आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए और यदि जरूरत पड़ी तो वह इस मामले में बात करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. सुक्खू ने विभिन्न विकासात्मक योजनाओं एवं कल्याण कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए हुई एक बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार आपदा पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

पहाड़ी राज्य में 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं में लगभग 250 लोगों की मौत हुई है और अकेले लोक निर्माण विभाग को 2,913 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. सुक्खू ने पहले कहा था कि मानसून की बारिश से हुई तबाही से राज्य को अब तक 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश को चार साल में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा और इसे 10 साल में देश का नंबर एक राज्य बनाया जाएगा. इससे पहले, उन्होंने प्रशासनिक सचिवों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए विकास कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया और अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी परियोजनाएं समय पर पूरी हों.

सुक्खू ने कहा कि समय बचाने और कार्यों के त्वरित निपटान के लिए सभी फाइल ई-फाइल प्रणाली के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी जानी चाहिए. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सुक्खू ने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी सार्वजनिक सेवाओं के लिए ऑनलाइन प्रणाली को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार शासन में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने सभी नगर निगमों और शहरी स्थानीय निकायों को पूर्ण डिजिटलीकरण सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया, ताकि लोगों को अधिकतर सेवाएं ऑनलाइन मिल सकें.

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