इंफाल, 19 दिसंबर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों के कारण उत्पन्न सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर मणिपुर में ‘संरक्षित क्षेत्र परमिट’ व्यवस्था फिर से लागू कर दी है।
बुधवार देर रात जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘इस परमिट को पुनः लागू करने के बाद, मणिपुर आने वाले विदेशियों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और उन्हें विदेशी (संरक्षित क्षेत्र) आदेश 1958 के अनुरूप आवश्यक संरक्षित क्षेत्र परमिट (पीएपी) प्राप्त करना होगा।’’
इसमें कहा गया है कि केंद्र ने मणिपुर, नागालैंड और मिजोरम में संरक्षित क्षेत्र परमिट की व्यवस्था को फिर से लागू कर दिया है।
बयान में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने एक संगठन द्वारा जारी की गई चेतावनी पर संज्ञान लिया है जिसमें मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से कहा गया है कि वह सेनापति जिले में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सड़क मार्ग से कांगपोकपी जिले से होकर न गुजरें।
बयान में कहा गया, ‘‘ जांच के बाद पाया गया है कि मणिपुर में ऐसा कोई संगठन (कुकी ज़ो काउंसिल) मौजूद नहीं है। इस समूह की उत्पत्ति और प्रामाणिकता अत्यधिक संदिग्ध है।’’
बयान में कहा गया है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और इस तरह की भ्रामक गतिविधियों के पीछे की वास्तविक प्रकृति और मंशा का पता लगाने के लिए प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
सरकार ने लोगों को ‘‘ सावधानी बरतने और ऐसे संदिग्ध संगठनों के बयानों या दावों पर ध्यान न देने की सलाह दी है जो भ्रम और अशांति पैदा करने के स्पष्ट इरादे से हाल ही में सामने आए हैं।’’
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