देश की खबरें | आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के मुद्दे पर केंद्र संसद को गुमराह कर रहा: तेजस्वी

पटना, दो अगस्त राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार ने बिहार में वंचित जातियों के लिए बढ़ाए गए आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के मुद्दे पर संसद को गुमराह किया, ताकि वह कानूनी जांच पड़ताल से बच सके।

बिहार में महागठबंधन सरकार ने पिछले साल केंद्र से राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किए जाने की व्यवस्था को नौवीं अनुसूची में शामिल करने का आग्रह किया था।

उच्चतम न्यायालय ने 1992 में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तय कर दी थी।

यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राजद के राज्यसभा सदस्य एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने हाल ही में इस संबंध में सवाल उठाया था।

यादव ने आरोप लगाया, ‘‘केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने 31 जुलाई को अपने लिखित जवाब में स्पष्ट तौर पर कहा कि संविधान की नौवीं अनुसूची में बढ़ा हुआ आरक्षण शामिल करना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। केंद्रीय मंत्री ने गलत और गुमराह करने वाला जवाब दिया। उन्होंने सदन को गुमराह किया।’’

राजद नेता ने कहा कि मामलों को नौवीं अनुसूची में शामिल करना केंद्र की जिम्मेदारी है और इसीलिए महागठबंधन सरकार ने केंद्र सरकार से इसके लिए अनुरोध किया था।

संविधान की नौवीं अनुसूची में केन्द्रीय और राज्य कानूनों की सूची शामिल है जिन्हें अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।

राजद उच्चतम न्यायालय के समक्ष केंद्र के ‘‘झूठ’’ को उजागर करेगा। उच्चतम न्यायालय में राज्य के नए आरक्षण कानूनों को रद्द करने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील लंबित है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में हम उच्चतम न्यायालय के समक्ष सोमवार को एक अपील दायर करेंगे।’’

यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य की राष्ट्रीय जनतातंत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार समाज के वंचित वर्ग के लिए आरक्षण के खिलाफ है।

राजद नेता ने कहा, ‘‘राजग सरकार आरक्षण के खिलाफ है, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के खिलाफ है और नए आरक्षण कानून को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के भी खिलाफ है। राजग सरकार के बिहार के प्रति इस रवैये के खिलाफ राजद ने 15 अगस्त से राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।’’

उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि बिहार के साथ इस तरह के ‘‘सौतेले व्यवहार’’ पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?

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