भूस्खलन आपदा राहत मामले में जख्मों पर मिर्च छिड़क रही केंद्र सरकार: केरल के वित्त मंत्री बालगोपाल
केरल के वित्तमंत्री के. एन. बालगोपाल ने वायनाड भूस्खलन के दौरान भारतीय वायुसेना (आईएएफ) द्वारा किए गए आपदा राहत व बचाव कार्यों के लिए भुगतान की मांग करने के लिए केंद्र सरकार की रविवार को आलोचना की.
कोच्चि, 15 दिसंबर : केरल के वित्तमंत्री के. एन. बालगोपाल ने वायनाड भूस्खलन के दौरान भारतीय वायुसेना (आईएएफ) द्वारा किए गए आपदा राहत व बचाव कार्यों के लिए भुगतान की मांग करने के लिए केंद्र सरकार की रविवार को आलोचना की. बालगोपाल ने इस कदम को राज्य के ‘‘जख्मों पर मिर्च छिड़कने’’ करार दिया, जो पहले से ही आपदा के बाद के बोझ से दबा हुआ है. उन्होंने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर आपदा राहत कार्यों के लिए राज्य से किए गए वादे के मुताबिक धन मुहैया कराने में "विफल" रहने का आरोप भी लगाया. बालगोपाल ने आरोप लगाया कि यह राज्य के लोगों का मखौल उड़ाने जैसा है. उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के रुख के अलावा, वायुसेना के नाम पर एक नया बिल पेश किया गया है.’’
बालगोपाल ने कहा, ‘‘वास्तव में, यह रुख गंभीर घाव पर मिर्च छिड़कने जैसा है.’’ बालगोपाल ने ये टिप्पणी ‘‘बकाये हवाई सेवा शुल्क भुगतान’’ शीर्षक वाले 22 अक्टूबर, 2024 तिथि के एक पत्र के संबंध में पूछे गए प्रश्नों के जवाब में की, जो दो नवंबर को तत्कालीन मुख्य सचिव वी. वेणु के कार्यालय को प्राप्त हुआ था. उक्त पत्र में भुगतान नहीं किए गए बिल का विवरण था. पत्र में कहा गया है कि 2018 में आयी बाढ़ के दौरान बचाव कार्यों से संबंधित 100 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि और वायनाड में 30 जुलाई को हुए भूस्खलन के बाद भारतीय वायुसेना के कार्यों के लिए 13 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान नहीं किया गया है. यह भी पढ़ें : देश की खबरें | चाहते हैं कि राज्यसभा में संविधान पर चर्चा हो, “अगर भाजपा व्यवधान न डाले”: डेरेक ओ ब्रायन
इस बीच, भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने वाम सरकार की आलोचना करते हुए उस पर पत्र को लेकर "विवाद" पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, ‘‘राहत कार्यों के लिए भारतीय वायुसेना की सेवाओं के पर होने वाले खर्च का नियमित रूप से भुगतान राज्यों को करना होता है, लेकिन (केरल के मुख्यमंत्री) पिनराई विजयन की सरकार इसके लिए विवाद क्यों खड़ा कर रही है.” राज्य सरकार के अनुसार, 30 जुलाई को वायनाड में हुए भूस्खलन ने तीन गांवों - पुंचरीमट्टम, चूरलमाला और मुंदक्कई - के बड़े हिस्से के साथ-साथ अट्टामाला के कुछ हिस्से बहुत बुरी तरह प्रभावित हुए, जिसमें 231 लोगों की जान चली गई.