देश की खबरें | लैंडफिल स्थलों के बारे में केंद्र ने जारी किया परामर्श
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नयी दिल्ली, पांच जून केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लैंडफिल स्थलों पर परामर्श जारी करते हुए शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को सुझाव दिया कि ठोस कचरे का निस्तारण पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रिया से होना चाहिए। यह परामर्श लैंडफिल स्थलों पर कचरे के बेहतर प्रबंधन और निस्तारण के संबंध में है।

परामर्श के अनुसार देश की जनसंख्या का एक तिहाई हिस्सा शहरी क्षेत्रों में रहता है और हर साल 547.5 लाख टन कचरा पैदा करता है।

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विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर परामर्श जारी करते हुए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत का लगभग समूचा शहरी क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो चुका है।

उन्होंने कहा कि 2014 में स्वच्छ भारत अभियान के समय 18 प्रतिशत ठोस कचरे का वैज्ञानिक विधि से निस्तारण होता था और अब यह तीन गुना से भी अधिक 65 प्रतिशत हो गया है।

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परामर्श में मंत्री ने कहा कि देश में दस हजार हेक्टेयर से अधिक शहरी भूमि कचरा जमा करने के लिए इस्तेमाल होती है।

इन स्थानों पर मीथेन और अन्य प्रकार की गैसें उत्पन्न होती हैं जो वैश्विक ताप बढ़ाने में सहायक हैं।

परामर्श में कहा गया, “निकाय क्षेत्रों से निकलने वाले ठोस कचरे (एमएसडब्ल्यू) का निस्तारण जैव प्रक्रिया से किया जा सकता है। लैंडफिल या कचरा जमा करने के स्थल का पूरा सर्वेक्षण परियोजना शुरू होने से पहले किया जाना चाहिए।”

परामर्श में कहा गया है कि कचरा जमा करने के स्थल का आसपास के क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए यूएलबी को पर्यावरण के अनुकूल और प्रदूषण न फैलाने वाली व्यवस्था स्थापित करनी चाहिए।

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