देश की खबरें | केन्द्र ने न्यायालय को सूचित किया कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिये अध्यादेश लाया गया है
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केन्द्र सरकार ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि वह प्रदूषण पर नियंत्रण के लिये अध्यादेश लायी है और इसे लागू कर दिया गया है।
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर केन्द्र सरकार ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि वह प्रदूषण पर नियंत्रण के लिये अध्यादेश लायी है और इसे लागू कर दिया गया है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस अध्यादेश के बारे में जानकारी दी।
पीठ ने इस पर मेहता से कहा कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की वजह से हो रहे वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाये जाने के मामले में कोई निर्देश देने से पहले वह अध्यादेश देखना चाहेगी।
पीठ ने कहा, ‘‘हम कोई आदेश पारित करने से पहले अध्यादेश पर गौर करना चाहेंगे। याचिकाकर्ता भी इसे देखना चाहेंगे। अगले शुक्रवार को इसे सूचीबद्ध किया जाये।’’ इस मामले में अब छह नवंबर को आगे विचार किया जायेगा।
सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को अध्यादेश के बारे में अवगत कराया।
न्यायालय ने 26 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारक पराली जलाये जाने की रोकथाम के लिये पड़ोसी राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों की निगरानी के वास्ते शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति नियुक्त करने का अपना 16 अक्टूबर का आदेश सोमवार को निलंबित कर दिया था।
इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्त विकास सिंह ने पीठ से कहा कि वायु की गुणवत्ता बद्तर होती जा रही है और ऐसी स्थिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) लोकूर समिति को नियुक्त करने संबंधी आदेश पर अमल होने देना चाहिए।
सिंह ने कहा कि अगले सप्ताह तक हालत और खराब हो जायेंगे।
पीठ ने कहा, ‘‘हम विकास सिंह और सालिसीटर जनरल दोनों को सुनेंगे और आपके द्वारा पेश बिन्दुओं पर भी गौर करेंगे।’’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘कुछ विशेषज्ञों ने हमें अनौपचारिक रूप से सूचित किया है कि सिर्फ पराली जलाने की वजह से ही प्रदूषण नहीं हो रहा है।’’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम चाहेंगे कि आप अपनी खूबसूरत कारें इस्तेमाल करना बंद करें। जो आप नहीं करेंगे। हम सभी को बाइक पर चलना चाहिए-मोटरबाइक नहीं बाइसिकिल।’’
पीठ ने सिंह से कहा कि अध्यादेश के अवलोकन के बाद हम आपको सुनेंगे।
इससे पहले, शुरू में जब सालिसीटर जनरल ने अध्यादेश के बारे में जानकारी दी तो पीठ ने हल्के फुल्के अंदाज में टिप्पणी की, ‘‘प्रदूषण की वजह से कोई बीमार नहीं पड़ना चाहिए और अगर कोई बीमार हुआ तो हम आपको जिम्मेदार ठहरायेंगे।’’
न्यायालय ने 16 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की तेजी से बिगड़ रही स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मदन लोकुर की एक सदस्यीय समिति नियुक्त की थी, जिसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की रोकथाम के लिये उठाये गये कदमों की निगरानी करनी थी। न्यायालय ने उस दिन केन्द्र, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की आपत्तियों को दरकिनार कर दिया था।
न्यायालय ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण और दिल्ली तथा संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों को लोकुर समिति को सहयोग देने का निर्देश दिया था ताकि वह स्वयं पराली जलाये जाने वाले खेतों में जाकर वस्तुस्थिति का जायजा ले सकें।
अनूप
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