नयी दिल्ली, 9 नवंबर : भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच में पाया गया है कि खाद्य वितरण मंच जोमैटो और स्विगी अनुचित व्यावसायिक प्रथाओं में लिप्त हैं. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इनमें कुछ रेस्तरां भागीदारों को कथित रूप से तरजीही व्यवहार देना भी शामिल है. सीसीआई ने अप्रैल, 2022 में विस्तृत जांच का आदेश दिया था. जांच रिपोर्ट इस साल की शुरुआत में नियामक को सौंप दी गई थी. नियमों के तहत, सीसीआई महानिदेशक की रिपोर्ट संबंधित पक्षों के साथ साझा की गई है और बाद में, नियामक द्वारा उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा. सभी के विचार और स्पष्टीकरण एकत्र करने के बाद नियामक अंतिम आदेश पारित करेगा.
दोनों संस्थाओं की जांच का निर्णय भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर लिया गया था. सूत्रों ने बताया कि जांच में पाया गया है कि दोनों संस्थाएं प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों में लिप्त थीं, जिनमें कथित तौर पर कुछ रेस्तरां भागीदारों को तरजीह देना भी शामिल है. इस साल की शुरुआत में नियामक को रिपोर्ट सौंपी गई थी. स्विगी को ईमेल पर भेजे गए प्रश्न का उत्तर नहीं मिला, जबकि जोमैटो ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. यह भी पढ़ें : राहुल गांधी को आनी चाहिए शर्म, उनके पूर्वजों ने आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया: बाबूलाल मरांडी
एनआरएआई ने कहा कि उसने मार्च, 2024 में भेजी गई संशोधित जांच रिपोर्ट की समीक्षा की है. एनआरएआई के अध्यक्ष सागर दरयानी ने उम्मीद जताई कि सीसीआई 2022 में एनआरएआई द्वारा अपनी याचिका में उठाए गए अन्य मुद्दों पर भी जांच में तेजी लाएगा. पिछले महीने स्विगी ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए दाखिल आरंभिक दस्तावेजों में सीसीआई मामले का उल्लेख किया था. आईपीओ शुक्रवार को बंद हुआ.