मुंबई, 21 फरवरी अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहीं इंद्राणी मुखर्जी पर बनी एक वृत्तचित्र श्रृंखला के प्रसारण पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए सीबीआई ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया।
इससे एक दिन पहले विशेष सीबीआई अदालत ने एजेंसी की याचिका खारिज कर दी थी।
एजेंसी ने उच्च न्यायालय को बताया कि सीबीआई मुखर्जी को दी गई जमानत को रद्द करने के लिए एक आवेदन दायर करने पर विचार कर रही है क्योंकि वह गवाहों को प्रभावित न करने के लिए लगाई गई शर्तों का उल्लंघन कर रही हैं।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वृत्तचित्र श्रृंखला के निर्माताओं से बृहस्पतिवार को यह बताने के लिए कहा कि क्या हत्या के मुकदमे में जिन गवाहों से पूछताछ होनी बाकी है, वे इस वृत्तचित्र में शामिल हैं।
मुंबई की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी पर बनी एक वृत्तचित्र श्रृंखला के प्रसारण पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था।
विशेष अदालत ने कहा था कि उसके पास प्रसारण रोकने की ‘‘शक्ति’’ नहीं है और उसने जांच एजेंसी से उचित मंच पर संपर्क करने को कहा था।
सीबीआई के वकील श्रीराम शिरसाट ने बुधवार को उच्च न्यायालय को बताया कि वृत्तचित्र श्रृंखला के निर्माताओं को एजेंसी से एक बार विचार-विमर्श करना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि सीबीआई पूरी वृत्तचित्र श्रृंखला की रिलीज पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग नहीं कर रही है, बल्कि केवल मामले की सुनवाई खत्म होने तक रिलीज पर रोक लगाने का अनुरोध कर रही है।
वीडियो स्ट्रीमिंग मंच ‘नेटफ्लिक्स’ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रवि कदम ने दलील दी कि मामले के सभी विवरण पहले से ही सार्वजनिक रूप में उपलब्ध थे और इंद्राणी ने खुद एक किताब लिखी थी।
खंडपीठ ने मामले की सुनवाई बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दी।
‘द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी : द बरीड ट्रुथ’ शीर्षक वाली वृत्तचित्र श्रृंखला 25 वर्षीय बोरा के लापता होने की कहानी बताती है और इसका प्रीमियर 23 फरवरी को ‘नेटफ्लिक्स’ पर प्रस्तावित है।
इंद्राणी पर अप्रैल 2012 में अपनी 24 वर्षीय बेटी शीना बोरा की अपने तत्कालीन चालक श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना के साथ मिलकर हत्या करने का आरोप है।
बोरा, इंद्राणी के पूर्व पति से उत्पन्न संतान थी। बोरा का जला हुआ शव रायगढ़ जिले के जंगल से मिला था। मामले का खुलासा 2015 में तब हुआ जब श्यामवर राय ने एक अन्य मामले में हुई गिरफ्तारी में पूछताछ के दौरान बोरा की हत्या की जानकारी दी।
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