Mumbai: सीबीआई प्रमुख सुबोध कुमार जायसवाल ने SIT डाटा लीक मामले में मुंबई पुलिस के सवालों का जवाब दिया

अधिकारी ने बताया कि जायसवाल को सबसे पहले दो अगस्त को प्रश्नावली भेजी गई थी, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. इसके बाद साइबर अपराध प्रकोष्ठ के सहायक पुलिस आयुक्त ने छह सितंबर और 23 सितंबर को इस संबंध में स्मरण पत्र भेजा, इसके बाद 14 अक्टूबर को उन्हें तलब किया गया.

CBI चीफ सुबोध कुमार जायसवाल (File Photo)

मुंबई: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल (Subodh Kumar Jaiswal) ने कथित फोन टैपिंग (Phone Tapping) और डाटा लीक मामले में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की अपराध शाखा द्वारा भेजी गई प्रश्नावली का जवाब दे दिया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी शुक्रवार को दी. उल्लेखनीय है कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के साइबर प्रकोष्ठ ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व पुलिस निदेशक (DGP) जायसवाल को समन भेजकर 14 अक्टूबर को बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित होने को कहा था. Who is IPS Subodh Kumar Jaiswal: कौन हैं सुबोध कुमार जायसवाल? जिन्हें बनाया गया है CBI का नया डायरेक्टर

अधिकारी ने बताया कि जायसवाल को सबसे पहले दो अगस्त को प्रश्नावली भेजी गई थी, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. इसके बाद साइबर अपराध प्रकोष्ठ के सहायक पुलिस आयुक्त ने छह सितंबर और 23 सितंबर को इस संबंध में स्मरण पत्र भेजा, इसके बाद 14 अक्टूबर को उन्हें तलब किया गया.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘उन्होंने (जायसवाल ने) कुछ दिन पहले प्रश्नावली का जवाब भेजा है.’’ हालांकि, उन्होंने नहीं बताया कि क्या सीबीआई निदेशक ने ई-मेल के जरिये यह जवाब भेजा है.

गौरतलब है कि यह मामला आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला द्वारा महाराष्ट्र में पुलिस तबादलों में 'भ्रष्टाचार' के बारे में तैयार की गई एक रिपोर्ट के कथित रूप से लीक होने से संबंधित है. उस वक्त वह राज्य के खुफिया विभाग (एसआईडी) की प्रमुख थीं.

यह भी आरोप है कि जांच के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं की फोन टैपिंग गैर कानूनी तरीके से की गई. इस घटना के समय जायसवाल राज्य के डीजीपी थे. भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए राज्य पुलिस में कथित भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी.

पुलिस ने कथित फोन टैपिंग और गैर कानूनी रूप से एसआईडी की रिपोर्ट लीक करने के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की धारा-30 के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और सरकारी गोपनीयता अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.

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