नयी दिल्ली, चार सितंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को कथित तौर पर झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश करने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक नयी प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने दो साल की प्रारंभिक जांच के बाद मामला दर्ज किया। यह जांच एक पैन ड्राइव पर आधारित थी जो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने उस समय के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी थी।
जांच पहले सीआईडी को और बाद में सीबीआई के सुपुर्द कर दी गई।
प्राथमिकी में आरोप है, ‘‘सीबीआई की प्रारंभिक जांच के प्रथम दृष्टया निष्कर्षों से पता चलता है कि विशेष लोक अभियोजक प्रवीण पंडित चव्हाण ने शिकायतकर्ता के रूप में काम करने वाले विजय भास्करराव पाटिल और तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ मिलकर 9 दिसंबर, 2020 को निम्भोरा जलगांव पुलिस थाने में पुणे की दो साल पुरानी घटना से संबंधित एक जीरो प्राथमिकी दर्ज करने की साजिश रची। इसका उद्देश्य जलगांव जिला मराठा विद्या प्रसारक सहकारी समाज लिमिटेड (शैक्षणिक संस्थान) पर नियंत्रण हासिल करने के लिए भाजपा नेताओं और अन्य लोगों को झूठा फंसाना था।’’
उसने कहा, ‘‘बाद में शून्य प्राथमिकी को पुणे स्थानांतरित कर दिया गया और पांच जनवरी, 2021 को इसे दर्ज किया गया।’’
सीबीआई का आरोप है कि आपराधिक षड्यंत्र के तहत विशेष लोक अभियोजक चव्हाण, पाटिल और तत्कालीन डीसीपी पूर्णिमा गायकवाड़ एवं एसीपी सुषमा चव्हाण ने गवाहों के झूठे बयान और साक्ष्य गढ़े ताकि भाजपा नेताओं और अन्य बेगुनाह लोगों को गलत तरह से फंसाया जा सके।
सीबीआई ने देशमुख के अलावा प्राथमिकी में चव्हाण, पाटिल, गायकवाड़ और सुषमा चव्हाण के नाम आरोपी के तौर पर दर्ज किए हैं।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए अनिल देशमुख ने मामले को ‘बेबुनियाद’ बताया।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘जनता का मत देखकर फडणवीस के पैरों तले की जमीन खिसक जाने के बाद यह साजिश शुरू हुई है। मुझे ऐसी धमकियों और दबाव से कोई ऐतराज नहीं है। मैंने भाजपा के इस जुल्म के खिलाफ डटकर लड़ने की कसम खाई है।’’
देशमुख ने कहा कि लोगों को देखना चाहिए कि फडणवीस महाराष्ट्र में कितनी निचले स्तर की और संकुचित मानसिकता वाली गंदी राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में लोगों ने साजिश करने वाले इस नेतृत्व को उसकी जगह दिखा दी है और अब महाराष्ट्र के लोग विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं।’’
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