शिमला/नयी दिल्ली, 27 नवंबर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के दो अधिकारियों और एक परामर्शदाता को 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगने एवं स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त रवि आनंद और प्रवर्तन अधिकारी मदन लाल भट्टी को गिरफ्तार किया गया। उनसे पहले सलाहकार और बिचौलिए संजय कुमार यादव को उन दोनों की ओर से (रिश्वत के तौर पर) पांच लाख रुपये नकद और पांच लाख रुपये का सेल्फ चेक लेते हुए गिरफ्तार किया गया था।
जांच एजेंसी के प्रवक्ता के अनुसार, शिकायतकर्ता ने प्रवर्तन अधिकारी पर आरोप लगाया है कि उसने शिकायतकर्ता की फर्म की भविष्य निधि मांग के बद्दी में ईपीएफओ कार्यालय के पास लंबित मामले को अनुकूल तरीके से निपटाने के लिए एक निजी परामर्शदाता के माध्यम से अपने और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के लिए 10 लाख रुपये का अनुचित लाभ मांगा।
अधिकारी ने एक बयान में कहा, ‘‘यह भी आरोप लगाया गया कि यदि (रिश्वत) उक्त मांग पूरी नहीं की गई तो 45-50 लाख रुपये की वसूली की जाएगी।’’
एजेंसी के अनुसार सीबीआई ने उस परिसर पर छापा मारा जहां रिश्वत दी जा रही थी तथा यादव को रिश्वत की रकम लेते हुए गिरफ्तार किया गया। बाद में दोनों ही अधिकारियों को हिरासत में ले लिया गया ।
एक बयान में कहा गया है, ‘‘ सीबीआई ने सोलन के बद्दी, शिमला और चंडीगढ़ में सात स्थानों पर आरोपियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली। चंडीगढ़ में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के परिसर से 23.5 लाख रुपये (लगभग) नकद और अभियोजन योग्य दस्तावेज बरामद किए गए।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)