नयी दिल्ली, छह अप्रैल केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोशल मीडिया विज्ञापनों के माध्यम से निःसंतान दंपतियों को बच्चे बेचने वाले सात लोगों को गिरफ्तार करके बाल तस्करों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया और अभियान के दौरान दो शिशुओं को बचाया है.अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर सीबीआई ने शुक्रवार शाम को दिल्ली और हरियाणा में सात स्थानों पर तलाशी अभियान शुरू किया. एजेंसी के अधिकारियों ने डेढ़ दिन और 15 दिन के दो शिशुओं को बरामद किया, जिन्हें गिरोह बेचने की योजना बना रहा था.
सीबीआई ने गिरोह के सात सदस्यों को पकड़ा, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया.गिरफ्तार लोगों में सोनीपत का नीरज और दिल्ली के पश्चिम विहार की इंदु पवार, पटेल नगर का असलम, कन्हैया नगर की पूजा कश्यप, मालवीय नगर की अंजलि, कविता और रितु शामिल हैं.
गिरोह फेसबुक पेज और व्हाट्सएप ग्रुप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन के जरिए बच्चे गोद लेने के इच्छुक निःसंतान दंपतियों से संपर्क करता था.सीबीआई प्रवक्ता ने अभियान के बारे में बताया, ‘‘गिरोह के लोग वास्तविक माता-पिता के साथ-साथ ‘सरोगेट’ माताओं से भी बच्चे खरीदते थे और उसके बाद शिशुओं को चार से छह लाख रुपये प्रति बच्चे की कीमत पर बेचते थे. ये आरोपी गोद लेने से संबंधित दस्तावेज में फर्जीवाड़ा करके कई निःसंतान दंपतियों से लाखों रुपये की ठगी करने में भी शामिल थे.’’
तलाशी के दौरान, सीबीआई ने 5.5 लाख रुपये नकद और अन्य दस्तावेज जब्त किए.
सीबीआई ने गिरफ्तार आरोपियों सहित 10 लोगों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत मामला दर्ज किया है. आरोप है कि शिशु तस्करों का एक नेटवर्क गोद लेने के उद्देश्य के साथ-साथ अन्य अवैध उद्देश्यों के लिए भी भारत भर में शिशुओं की खरीद और बिक्री में शामिल है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)