देश की खबरें | बैंकों से 1528 करोड़ रूपये की घोखाधड़ी में इंडियन टेक्नोमाक कॉरपोरेशन लिमिटेड पर मामला दर्ज

नयी दिल्ली, 15 सितंबर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के एक समूह के साथ कथित रूप से 1528 करोड़ रूपये की धोखाधड़ी करने को लकर इंडियन टेक्नोमाक कॉरपोरेशन लिमिटेड, उसके प्रवर्तक, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक राकेश कुमार शर्मा और अन्य के विरूद्ध मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि कंपनी ने 2008-13 के दौरान समूह के सदस्यों से ऋण लिया था लेकिन उसका भुगतान नहीं हो पाने की वजह से यह ऋण खाता गैर निष्पादित परिसंपत्ति में तब्दील हो गया। इस कंपनी की इकाई हिमाचल प्रदेश में है और वह लौह एवं गैर लौह धातुओं के विनिर्माण में लगी है।

शर्मा, कंपनी, अन्य निदेशक एवं गारंटीकर्ता विनय कुमार शर्मा, कोलकाता के दो कॉरपोरेट गारंटीकर्ताओं, गुरूपाथ मर्केंडाइज लिमिटेड और थंडर ट्रेडर्स लिमिटेड के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, पोंटा साहिब समेत विभिन्न स्थानों पर आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली।

जिन बैंकों को चूना लगाया गया है वे हैं: बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कोरपोरेशन बैंक, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, सारस्वत कॉपरेटिव बैंक, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, यूको बैंक, इलाहाबाद बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और डीबीएस।

सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, ‘‘आरोपियों ने उक्त हरकतों एवं ऋण खाते के पैसे को अन्यत्र लगाकर बैंकों के इस समूह के साथ 1528.05करोड़ रूपये की धोखाधड़ी की। उसके बाद आईआरएसी दिशानिर्देशों के तहत 31 मार्च 2014 को बैंक ऑफ इंडिया के इन (ऋण) खातों गैर निष्पादित परिसंपत्तियों की श्रेणी में डाल दिया गया। ’’

उन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक की सलाह पर बैंक ऑफ इंडिया ने मई, 2015 इन खातों कों नुकसानदेह घोषित किया एवं फरवरी, 2016 में धोखाधड़ी की घोषणा की गयी।

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