देश की खबरें | प्रवेश द्वारों पर लंबी कतारों को लेकर व्यापारिक संगठन ने की डीएमआरसी से भेंट

नयी दिल्ली, 24 जून पिछले कई दिनों से दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशनों के प्रवेश द्वारों पर लंबी लंबी कतारें नजर आने के बीच एक व्यापारिक संगठन ने बृहस्पतिवार को डीएमआरसी प्रमुख से भेंट की और उनसे भीड़ कम करने के लिए ट्रेनों के फेरे बढ़ाने की मांग की।

कई मेट्रो स्टेशनों पर लंबी-लंबी कतारों के वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर साझा किये जा रहे है। वैसे दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने कहा कि वह यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी एहतियात बरत रहा है।

व्यापार एवं उद्योग मंडल (सीटीआई) के अनुसार उसका एक प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को यहां मेट्रो भवन में डीएमआरसी प्रमुख से मिला। सीटीआई प्रमुख बृजेश गोयल ने कहा कि डीएमआरसी प्रमुख को बहुमांगी एक ज्ञापन सौंपा गया है जिसमें उनसे अलग अलग द्वारों से प्रवेश और निकास का इंतजाम करने का अनुरोध किया गया है ।

सीटीआई ने मांग की है कि ट्रेनों के फेरे बढ़ाने के साथ साथ चांदनी चौक, कश्मीरी गेट, राजीव चौक, लाल किला जैसे बड़े स्टेशनों पर प्रवेश एवं निकास के लिए सभी गेट खोल दिये जाने चाहिए ताकि भीड़भाड़ न हो।

डीएमआरसी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि हाल के दिनों में मेट्रो स्टेशनों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें देखी गयी है क्योंकि कोविड-1 महामारी के मद्देनजर ‘‘ट्रेन में अनुमत यात्रियों की संख्या संबंधी पाबंदियों के चलते स्टेशनों पर प्रवेश विनियमित किया जाता है।’’

उसने कहा कि वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार ट्रेन में एक सीट छोड़कर बैठने की अनुमति है तथा खड़ा होकर यात्रा करने की इजाजत नहीं है। वैसे तो डीएमआरसी अधिकतम ट्रेनें चला रहा है लेकिन यात्रियों को पाबंदियों के चलते स्टेशनों के बाहर इंतजार करना पड़ता है।

सूत्रों ने बताया कि हर डिब्बे की करीब 300 यात्रियों की क्षमता है जिनमें 50 सीट पर बैठ सकते हैं और 250 खड़ा रह सकते हैं परंतु इतने यात्रियों को इजाजत नहीं है, इसलिए हर डिब्बे में महज 25 लोग ही सफर कर पा रहे हैं।

डीएमआरसी ने कहा, ‘‘ फिलहाल वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार दिल्ली मेट्रो की क्षमता महज 10-15 फीसद है। लंबी कतारें इसलिए हो जाती हैं क्योंकि ज्यादातर मेट्रो स्टेशनों पर एकल प्रवेश की ही अनुमति है, दअरसल जन परिवहन प्रणाली में प्रवेश की अनुमति दे दिये जाने के बाद अंदर में लोगों की संख्या नियमित कर पाना कठिन है।’’

उसने कहा कि वह रोजाना 5100 ट्रेन फेरे चला रहा है और भीड़ के वक्त हर ढाई से पांच मिनट पर सभी मुख्य मार्गों पर ट्रेनें उपलब्ध होती हैं। इतने ही फेरे पूर्व कोविड समय में भी लग रहे थे।

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