ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कुछ जलवायु लक्ष्यों से पीछे हटने के संकेत दिये
Rishi Sunak Credit: Twitter)

ब्रिटेन, 20 सितंबर: उन्होंने कहा कि ब्रिटेन को हर हाल में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ना चाहिए, लेकिन श्रमिकों और उपभोक्ताओं पर इसका प्रभाव पड़े बिना ऐसा किया जाना चाहिए. इस खबर की राजनीतिक विरोधियों, पर्यावरण समूहों और ब्रिटिश उद्योग के बड़े हिस्से ने व्यापक आलोचना की, लेकिन सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी के कुछ वर्गों ने इस कदम का स्वागत किया है.

सुनक ने बीबीसी की एक रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए मंगलवार देर रात एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नई गैसोलीन और डीजल कारों पर प्रतिबंध की समय सीमा बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं, जो वर्तमान में 2030 के लिए निर्धारित है.

इसी तरह, घरों को गर्म करने के लिए नयी प्राकृतिक गैस पर रोक की समयसीमा भी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, जो वर्तमान में 2035 के लिए निर्धारित है. सुनक ने कहा कि वह पर्यावरण के प्रति एक ‘‘आनुपातिक’’ दृष्टिकोण अपनाएंगे. बुधवार दोपहर के लिए निर्धारित भाषण से पहले योजनाओं पर चर्चा करने के लिए उन्होंने जल्दबाजी में अपने मंत्रिमंडल की बैठक बुलायी। यह बैठक इस सप्ताह के अंत में होने वाली थी. सुनक ने कहा, ‘‘कई वर्षों से, सभी सरकारों में राजनेता लागत और सौदेबाजी के बारे में ईमानदार नहीं रहे हैं। इसके बजाय, उन्होंने यह कहते हुए आसान रास्ता निकाला है कि हम सब कुछ पा सकते हैं.’’

हालांकि, सुनक ने अपनी घोषणा के संबंध में अधिक विवरण साझा किए बिना कहा कि वह 2050 तक ब्रिटेन के ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को शून्य तक करने का वादा निभाएंगे, लेकिन ‘‘बेहतर, अधिक आनुपातिक तरीके से.’’ ब्रिटेन के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 1990 के स्तर से 46 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिसका मुख्य कारण बिजली उत्पादन से कोयले को लगभग पूरी तरह से हटा देना है.

सरकार ने 2030 तक उत्सर्जन को 1990 के स्तर के 68 प्रतिशत तक कम करने और 2050 तक इसे पूरी तरह शून्य करने का लक्ष्य हासिल करने का वादा किया था.

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