शिमला, 27 नवंबर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के दो अधिकारियों और एक परामर्शदाता को 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगने एवं स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
यहां जारी एक बयान के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में सोलन जिले के ईपीएफओ-बद्दी में तैनात क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त और प्रवर्तन अधिकारी तथा परामर्शदाता को शिकायतकर्ता से 10 लाख रुपये (5 लाख रुपये नकद और इतनी ही राशि “सेल्फ चेक” में) रिश्वत मांगने तथा स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
शिकायतकर्ता ने प्रवर्तन अधिकारी पर आरोप लगाया है कि उसने शिकायतकर्ता की फर्म की भविष्य निधि मांग के बद्दी में ईपीएफओ कार्यालय के पास लंबित मामले को अनुकूल तरीके से निपटाने के लिए एक निजी परामर्शदाता के माध्यम से अपने और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के लिए 10 लाख रुपये का अनुचित लाभ मांगा।
आरोप यह भी है कि अधिकारियों ने कहा कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो 45-50 लाख रुपये की वसूली की जाएगी।
बयान में कहा गया कि सीबीआई ने मामला दर्ज कर जाल बिछाया और परामर्शदाता को उस समय रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया जब वह आरोपी प्रवर्तन अधिकारी और क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त की ओर से शिकायतकर्ता से पैसे स्वीकार कर रहा था।
संघीय एजेंसी ने बद्दी, शिमला और चंडीगढ़ में सात स्थानों पर आरोपियों के आवासीय तथा आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली और चंडीगढ़ में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के परिसर से 23.5 लाख रुपये नकद (लगभग) और अभियोजन योग्य दस्तावेज जब्त किए।
तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। मामले में जांच जारी है।
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