ब्राजील में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में वामपंथी ‘वर्कर्स पार्टी’ के लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने निवर्तमान राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो को मात दी है। निर्वाचन प्राधिकरण ने रविवार को चुनाव के परिणामों की घोषणा की थी।
बोलसोनारो ने हार के संबंध में कोई बात नहीं की, हालांकि बाद में चीफ ऑफ स्टाफ सिरो नोगीरा ने पत्रकारों से कहा कि बोलसोनारो ने उन्हें सत्ता-हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है।
बोलसोनारो ने ब्रासीलिया में अपने आधिकारिक आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘ मुझे हमेशा लोकतंत्र विरोधी बताया गया है, जबकि मैंने अपने आलोचकों से विपरीत हमेशा संविधान के तहत काम किया है।’’
निर्वाचन प्राधिकरण के अनुसार, आम चुनाव में लूला डा सिल्वा को 50.9 प्रतिशत और बोलसोनारो को 49.1 प्रतिशत मत मिले।
ब्राजील में 1985 में लोकतंत्र एक बार फिर बहाल होने के बाद से पहला मौका है जब निवर्तमान राष्ट्रपति दोबारा चुनाव जीतने में विफल रहे हैं।
यह लूला डा सिल्वा के लिए एक आश्चर्यजनक उलटफेर है। सिल्वा 2003 से 2010 के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति रह चुके हैं। सिल्वा (77) को 2018 में भ्रष्टाचार के मामले में कैद की सज़ा सुनाई गई थी, जिस वजह से उन्हें उस साल चुनाव में दरकिनार कर दिया गया था। इस कारण, तत्कालीन उम्मीदवार बोलसोनारो की जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ था।
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