NITI Aayog Meeting: बीजेपी ने की मुख्यमंत्रियों की आलोचना, कहा- नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया जाना जन विरोधी, गैर जिम्मेदाराना

भाजपा नेता ने कहा कि यह ‘‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण, गैरजिम्मेदाराना और जन विरोधी है.’’ उन्होंने कहा कि बैठक में अपने मुख्यमंत्रियों के उपस्थित नहीं होने से इन राज्यों के लोग सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या लोगों को फायदा नहीं मिलना चाहिए?...प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आप किस हद तक विरोध करेंगे.’’

बीजेपी (Photo Credits: Twitter)

नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नीति आयोग (NITI Aayog) संचालन परिषद की बैठक का बहिष्कार करने वाले मुख्यमंत्रियों की आलोचना करते हुए उनके फैसले को शनिवार को ‘‘जन-विरोधी’’ और ‘‘गैर जिम्मेदाराना’’ बताया.  बैठक, यहां शनिवार को शुरू हुई. इसमें देश को 2047 तक विकसित देश बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण और बुनियादी ढांचा विकास समेत कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नीति आयोग देश के विकास के लिए लक्ष्य तय करने, नीतिगत रूपरेखा तथा ‘रोडमैप’ तैयार करने के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग की संचालन परिषद की आठवीं बैठक में 100 मुद्दों पर चर्चा करने का प्रस्ताव है लेकिन आठ राज्यों के मुख्यमंत्री इसमें भाग लेने के लिए नहीं आ रहे हैं. NITI Aayog Meeting: बिहार सरकार ने नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने का किया फैसला

प्रसाद ने कहा कि अरविंद केजरीवाल(दिल्ली), भगवंत मान (पंजाब), ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल), नीतीश कुमार (बिहार), एम के स्टालिन (तमिलनाडु), के चंद्रशेखर राव (तेलंगाना) बैठक में भाग नहीं लेने वाले मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शायद स्वास्थ्य कारणों से नहीं आ रहे हैं. सच क्या है वह (गहलोत) ही बता सकते हैं लेकिन उनकी ओर से (बैठक में) कोई प्रतिनिधित्व नहीं है.’’

भाजपा नेता ने कहा कि केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच व्यापक सलाहकारी प्रक्रियाओं के लिए नीति आयोग एक बहुत महत्वपूर्ण मंच है तथा इसकी संचालन परिषद की बैठक में अहम फैसले लिये जाते हैं, जिनका जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन किया जाता है.

उन्होंने कहा यही कारण है कि प्रधानमंत्री इस बैठक की अध्यक्षता करते हैं और केंद्र के वरिष्ठ मंत्री भी इसमें शरीक होते हैं, ताकि जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन के लिए मुख्यमंत्रियों के सुझाव के साथ बड़े मुद्दों पर निर्णय लिये जाएं.

प्रसाद ने कहा, ‘‘वे (आठ राज्यों के मुख्यमंत्री) बैठक में भाग लेने क्यों नहीं आ रहे हैं, जिसमें 100 मुद्दों पर चर्चा की जानी है. अगर इतनी बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री भाग नहीं लेते हैं तो वे अपने राज्यों की आवाज नहीं उठा रहे हैं.’’

भाजपा नेता ने कहा कि यह ‘‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण, गैरजिम्मेदाराना और जन विरोधी है.’’ उन्होंने कहा कि बैठक में अपने मुख्यमंत्रियों के उपस्थित नहीं होने से इन राज्यों के लोग सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या लोगों को फायदा नहीं मिलना चाहिए?...प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आप किस हद तक विरोध करेंगे.’’

प्रसाद ने कहा, ‘‘आपको मोदी का विरोध करने के लिए और अवसर मिलेंगे, लेकिन आप अपने राज्य के लोगों को नुकसान क्यों पहुंचा रहे हैं.’’ प्रसाद ने कहा कि आठ मुख्यमंत्रियों द्वारा बैठक का बहिष्कार करने का फैसला ‘‘पूरी तरह गैर जिम्मेदाराना’’ है और यह ‘‘जनहित तथा उनके राज्यों के लोगों के हित के खिलाफ’’ भी है.

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