नयी दिल्ली, 25 जनवरी कोविशील्ड की एक बूस्टर खुराक सबसे अच्छी प्रतिरक्षा प्रदान करती है, भले ही प्राथमिक खुराक कोविशील्ड की हो या कोवैक्सीन की।
भारत में किए गए एक नए अध्ययन और ‘लांसेट रीजनल हेल्थ-साउथईस्ट एशिया’ शोध पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह कहा गया है।
अध्ययन के अनुसार, कोविशील्ड या कोवैक्सीन के साथ उसी टीके की खुराक या अलग खुराक देने की स्थिति में कोविशील्ड के साथ बूस्टर से अच्छे नतीजे मिलते हैं और बेहतर एंटीबॉडी तैयार होती है। इसमें ये भी मायने नहीं रखता कि शुरुआत में कोविशील्ड या कोवैक्सीन के टीके दिए गए।
कोविड टीकाकरण से तैयार प्रतिरक्षा समय के साथ कमजोर होने लगती है और नए स्वरूप से कम रक्षा हो पाती है। इसके कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बूस्टर खुराक देने की सिफारिश की है।
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर, तमिलनाडु और कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश के शोधकर्ताओं द्वारा अध्ययन किया गया। भारत में प्राथमिक टीकाकरण के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल दो टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन के साथ समान या अलग बूस्टर की सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता का निर्धारण प्रतिभागियों में किया गया। इनमें ऐसे प्रतिभागी थे जिन्हें इन टीकों की दो प्राथमिक खुराक पहले ही लग चुकी थी।
अध्ययन में कहा गया है कि कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दो खुराकें ले चुके प्रतिभागियों को इन दोनों टीकों में से एक की खुराक दी गई। प्रारंभिक नतीजों में बूस्टर खुराक लेने के 28 दिन बाद एंटीबॉडी में वृद्धि हुई। परीक्षण के तहत किसी भी समूह में कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखने को मिला।
कोविशील्ड टीका लिए हुए 200 प्रतिभागियों और कोवैक्सीन टीका लिए हुए 204 प्रतिभागियों पर बूस्टर खुराक का अध्ययन किया गया। अध्ययन में पाया गया कि कोविशील्ड या कोवैक्सीन के साथ समान टीके की खुराक दिया जाना सुरक्षित है। वहीं, अलग बूस्टर लेने पर बेहतर प्रतिरक्षा तैयार होती है।
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