मदरसों के सर्वेक्षण के नाम पर भाजपा मुसलमानों को ‘आतंकित’ कर रही है: प्रमुख मायावती
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को भाजपा पर निजी मदरसों के संचालन में हस्तक्षेप का प्रयास करने और सर्वेक्षण के बहाने मुस्लिम समुदाय को ‘‘आतंकित’’ करने का आरोप लगाया.
लखनऊ, 9 सितंबर : बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को भाजपा पर निजी मदरसों के संचालन में हस्तक्षेप का प्रयास करने और सर्वेक्षण के बहाने मुस्लिम समुदाय को ‘‘आतंकित’’ करने का आरोप लगाया. मायावती ने एक ट्वीट में कहा, ''मुस्लिम समाज के शोषित, उपेक्षित व दंगा-पीड़ित होने आदि की शिकायत कांग्रेस के समय से आम रही है, और अब बीजेपी द्वारा ’तुष्टीकरण’ के नाम पर संकीर्ण राजनीति करके सत्ता में आ जाने के बाद फिर इनके दमन व आतंकित करने का खेल अनवरत जारी है, जो अति-दुःखद व निन्दनीय है.'' उन्होंने कहा, ''इसी क्रम में अब उप्र में मदरसों पर भाजपा सरकार की टेढ़ी नजर है. मदरसा सर्वेक्षण के नाम पर कौम के चन्दे पर चलने वाले निजी मदरसों में भी हस्तक्षेप का अनुचित प्रयास, जबकि सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसों व सरकारी स्कूलों की बदतर हालत को सुधारने पर सरकार को ध्यान केन्द्रित करना चाहिए.''
उत्तर प्रदेश सरकार ने 31 अगस्त को राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जांचने के लिए उनका सर्वेक्षण कराने का फैसला किया था. राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया था कि राज्य सरकार ने मदरसों में छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के सिलसिले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अपेक्षा के मुताबिक, प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा. यह भी पढ़ें : गहलोत ने शहरी इलाकों में जरूरतमंदों के लिए 100 दिन रोजगार देने की योजना शुरू की
मंत्री ने बताया था कि सर्वेक्षण में मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल, फर्नीचर, विद्युत आपूर्ति तथा शौचालय की व्यवस्था, शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी . उनसे पूछा गया था कि क्या राज्य सरकार इस सर्वेक्षण के बाद नए मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू करेगी, तो राज्य मंत्री ने कहा कि अभी सरकार का मकसद सिर्फ गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में सूचनाएं इकट्ठा करना है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 16,461 मदरसे हैं जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है. प्रदेश में पिछले छह साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में नहीं लिया गया है.