नयी दिल्ली, 21 फरवरी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले लगभग तीन महीने से जारी किसानों के आंदोलन के बीच भाजपा ने रविवार को एक अहम बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कृषि क्षेत्र में सुधार और कोविड-19 महामारी के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया।
ये प्रस्ताव भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की अध्यक्षता में एनडीएमसी कनवेंशन सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में पारित हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक का उद्घाटन किया और अपने संबोधन में पार्टी नेताओं का आह्वान किया कि वह कृषि सुधारों के फायदों से जनता को अवगत कराएं।
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी बैठक को संबोधित किया।
इस बैठक में भाजपा के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेशों के अध्यक्ष, राज्यों के प्रभारी व सह-प्रभारी तथा राज्यों के संगठन मंत्री भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर बैठक की शुरुआत की और बाद में उसे संबोधित भी किया। बैठक में कोविड-19 महामारी के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई और इस संबंध में एक शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बताया कि एक राजनीतिक प्रस्ताव पारित कर कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों और कोविड-19 के प्रबंधन में प्रभावी नेतृत्व देने वाले प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया गया।
उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव में महामारी के दौरान गरीब किसान कल्याण योजना चलाने, समावेशी बजट प्रस्तुत करने और चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के दौरान उपयुक्त कदम उठाने को भी रेखांकित किया गया।
इससे पहले, भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि दिन भर चलने वाली बैठक के दौरान असम, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव, आत्मनिर्भर भारत अभियान और तीन कृषि कानूनों के बारे में भी चर्चा होगी।
उन्होंने बताया कि बैठक के बाद पार्टी के आगामी कार्यक्रमों की रुपरेखा की घोषणा की जाएगी।
कोरोना महामारी के दौरान यह राष्ट्रीय पदाधिकारियों की पहली बैठक है जिसमें नेता प्रत्यक्ष तौर पर शामिल हुए।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब तीन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले लगभग तीन महीने से आंदोलन कर रहे हैं।
आंदोलन कर रहे किसान संगठन अपने आंदोलन को देशव्यापी बनाने की कोशिशों में हैं और वे लगातार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलावर हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)