जयपुर, 11 दिसंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि वह किसान आंदोलन को फीका करने के लिए राज्य के पंचायत चुनाव परिणाम को लेकर झूठ फैला रही है।
गहलोत के अनुसार भाजपा इन नतीजों को अपनी बड़ी जीत की तरह प्रदर्शित कर रही है जबकि ऐसा कुछ नहीं है।
गहलोत ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘राजस्थान में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों के हालिया परिणाम को लेकर भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर झूठ फैलाया। भाजपा इन नतीजों को अपनी बड़ी जीत की तरह प्रदर्शित कर रही है जो आंकड़ों के विश्लेषण में गलत साबित होता है।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने पार्टी आलाकमान के इशारे पर किसान आंदोलन को फीका करने के लिए ऐसा किया।
गहलोत ने कहा है कि भाजपा के केंद्रीय और राज्य के नेताओं ने चुनाव नतीजों को भ्रामक रूप से मीडिया के सामने प्रचारित कर ऐसा हौव्वा खड़ा करने की कोशिश की जैसे कांग्रेस का सफाया हो गया हो। उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान के किसानों ने भाजपा को 18 महीनों में 18 प्रतिशत कम वोट देकर किसान आंदोलन का साथ दिया है।’’
उन्होंने कहा कि राजस्थान के किसान पूरी तरह नये कृषि कानूनों के खिलाफ हैं इसलिये उन्होंने भाजपा के विरोध में वोट किया है।
बयान में कहा गया है, ‘‘21 जिलों की 222 पंचायत समितियों पर हुए मतदान में से कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा मत मिले हैं। कांग्रेस को 40.87 प्रतिशत वोट मिले हैं जबकि भाजपा को 40.58 प्रतिशत वोट ही मिले हैं। कांग्रेस को भाजपा से 0.29 प्रतिशत ज्यादा वोट मिले हैं।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘222 पंचायत समितियों में भाजपा और कांग्रेस के बराबर 98-98 और अन्य पार्टियों के 26 प्रधान चुने गये हैं। 2015 में इन पंचायत समितियों में भाजपा के 112 और कांग्रेस के 67 प्रधान थे। कांग्रेस के प्रधानों की संख्या पहले से 31 बढ़ी है जबकि भाजपा के प्रधानों की संख्या 14 कम हुई है।’’
इसके अनुसार 2015 में इन 21 जिला परिषदों में भाजपा को 48.87 प्रतिशत वोट मिले थे लेकिन इस बार सिर्फ 43.81 प्रतिशत वोट ही उसे मिले हैं जो पिछली बार से पांच प्रतिशत कम हैं। कांग्रेस को 42.76 प्रतिशत वोट मिले जो भाजपा से महज 1.05 प्रतिशत कम है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों से तुलना करें तो इन जिलों वाली लोकसभा सीटों पर भाजपा को लगभग 61.05 प्रतिशत वोट मिले थे। लोकसभा चुनाव से जिला परिषद चुनावों के 18 महीनों में भाजपा का वोट करीब 18 प्रतिशत प्रतिशत कम हुआ है।
गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान राज्य सरकार का पूरा ध्यान महामारी की रोकथाम पर था इसलिये कांग्रेस ने प्रदेश स्तर और केंद्रीय स्तर के नेताओं को इन चुनावों में प्रचार करने के लिये नहीं भेजा जिससे भीड़ इकट्ठा न हो और इस महामारी का फैलाव रुक सके। उन्होंने कहा कि वहीं भाजपा के केंद्रीय मंत्री तक इन चुनावों में प्रचार के लिये उतर गये।
पृथ्वी कुंज
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