Akhilesh Yadav on BJP: भाजपा सरकार कर रही है संविधान को कमजोर; अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की तीखी आलोचना करते हुए उसपर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया और अपनी पार्टी के लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहने का दावा किया.
अलीगढ़ (उप्र), 15 नवंबर : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की तीखी आलोचना करते हुए उसपर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया और अपनी पार्टी के लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहने का दावा किया. खैर विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी डॉ. चारू कैन के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए यादव ने कहा, ‘‘मुठभेड़ करने वाली सरकार संविधान पर भरोसा नहीं करती.’’ उन्होंने कहा, "हमने लोगों को संविधान के बारे में शिक्षित करने का काम किया है और ‘इंडिया’ गठबंधन को व्यापक समर्थन मिला है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सत्तारूढ़ पार्टी इसमें दखल नहीं दे सकती.’’
उन्होंने कहा,‘‘हम, समाजवादी पार्टी, संविधान और अपने लोकतंत्र की रक्षा करना जारी रखेंगे.’’ यादव ने राज्य के नेतृत्व पर भी कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘साधु-संत कम बोलते हैं, लेकिन कलयुग (वर्तमान युग) में वे अधिक बोल रहे हैं.’’ यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर इशारा थी . यादव ने कहा,‘‘जिनके बारे में हमने सोचा था कि वह सच बोलेंगे, वह झूठ के सौदागर बन गए हैं.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘हमारे मुख्यमंत्री समाज में विस्फोटक (बारूद) बिछा रहे हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि उनकी कुर्सी ही खतरे में है. उनकी कुर्सी के नीचे सुरंग खोदी जा रही है, और वह भी खतरे में है." यह भी पढ़ें : रेल सेवाओं में कटौती के विरोध में यात्रियों ने कोलकाता के अशोक नगर स्टेशन पर ट्रैक जाम किया
उन्होंने भाजपा सरकार पर अपने "व्यापारिक सहयोगियों" को लाभ पहुंचाने के लिए महंगाई बढ़ाने और युवाओं को स्थायी रोजगार देने में विफल रहने तथा इसके बजाय सार्वजनिक संसाधनों को बर्बाद करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने उत्तर प्रदेश को "ट्रिलियन-डॉलर अर्थव्यवस्था" में बदलने के राज्य सरकार के दावे की आलोचना करते हुए कहा, "वह एक ट्रिलियन-डॉलर अर्थव्यवस्था का वादा करते हैं, लेकिन हमारे युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने का उनका कोई इरादा नहीं है. वह गरीबों को भ्रमित करने और ध्यान भटकाने के लिए ऐसे दावे करते हैं." खैर में उपचुनाव 20 नवंबर को है.