Bitcoin Scam: 2.5 करोड़ रुपये की बिटकॉइन घोटाला केस में एक आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने एक व्यक्ति को लोगों से कथित तौर पर नकली क्रिप्टोकरंसी में निवेश के जरिये धोखाधड़ी को लेकर गिरफ्तार किया है. यह जानकारी पुलिस ने शुक्रवार को दी. पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान उमेश वर्मा (60) के रूप में की गई है. उन्होंने बताया कि उसे दुबई से लौटने पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तारी किया गया.

बिटकॉइन (Photo Credit: Facebook)

नयी दिल्ली: पुलिस ने एक व्यक्ति को लोगों से कथित तौर पर नकली क्रिप्टोकरंसी में निवेश के जरिये धोखाधड़ी को लेकर गिरफ्तार किया है. यह जानकारी पुलिस ने शुक्रवार को दी. पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान उमेश वर्मा (60) के रूप में की गई है. उन्होंने बताया कि उसे दुबई से लौटने पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तारी किया गया.

पुलिस ने कहा कि अब तक 45 पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि 2017 में इस संबंध में आरोपी ने उन्हें 2.5 करोड़ रुपये का चूना लगाया है. उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद कि वर्मा, उसके बेटे भरत वर्मा और अन्य ने ‘प्लूटो एक्सचेंज’ के नाम से आरोपियों द्वारा संचालित क्रिप्टोकरेंसी योजना में निवेश करने के जरिये धोखा दिया .

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने शिकायतकर्ताओं को प्रति माह निवेश की गई राशि का 20 से 30 प्रतिशत के बीच वापसी का आश्वासन दिया. अधिकारी ने बताया कि साथ ही आरोपियों ने उन्हें और ग्राहक लाने पर कमीशन का वादा भी किया. अधिकारी ने बताया कि हालांकि, आरोपियों ने वादे के मुताबिक रिटर्न नहीं दिया और अपने कार्यालय बंद कर भाग गए. अधिकारी ने कहा कि वर्मा ने अपने आवासीय पते अक्सर बदले और अंत में दुबई चला गया.

संयुक्त पुलिस आयुक्त (ईओडब्ल्यू) ओ पी मिश्रा ने कहा, ‘‘जांच से पता चला कि वर्मा धोखाधड़ी के लिए गठित मेसर्स प्लूटो एक्सचेंज का एकमात्र मालिक था. वह कंपनी के नाम से खोले गए बैंक खातों में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता था.’’ मिश्रा ने कहा कि वर्मा ने कनॉट प्लेस में एक कार्यालय खोला और शिकायतकर्ताओं को नवंबर 2017 में प्लूटो एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी योजना में निवेश करने के लिए झांसे में लिया.

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘आरोपियों ने अपनी वेबसाइट शुरू की और ‘‘कॉइन ज़ारस’’ के नाम से शुरू की गई अपनी नई क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री और खरीद के लिए मोबाइल एप्लिकेशन ‘प्लूटो एक्सचेंज’ शुरू किया. उन्होंने अधिक रिटर्न देने के नाम पर लोगों को निवेश करने के लिए प्रेरित किया और आश्वासन दिया कि उनका मूल्य कई गुना बढ़ जाएगा.’’

उन्होंने कहा कि आरोपी कंपनी द्वारा क्रिप्टोक्यूरेंसी के रूप में जारी ‘‘कॉइन ज़ारस’’ की कोई कानूनी वैधता नहीं है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस तरह के आभासी सिक्कों और मुद्रा को पहले ही प्रतिबंधित कर चुका है. पुलिस ने कहा कि वर्मा को दिसंबर 2017 में राजस्व खुफिया निदेशालय द्वारा सोने की तस्करी एक मामले में गिरफ्तार किया गया था.

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