ताजा खबरें | बीमा क्षेत्र में विदेशी हिस्सेदारी की सीमा 74 प्रतिशत करने संबंधी विधेयक राज्यसभा में पेश

नयी दिल्ली, 15 मार्च केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बीमा क्षेत्र में 74 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का रास्ता साफ करने संबंधी बीमा कानून संशोधन विधेयक को राज्यसभा में पेश किया।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार, दस मार्च को बीमा कानून, 1938 में संशोधन को मंजूरी दी थी।

उच्च सदन में सीतारमण ने बीमा कानून, 1938 में संशोधन के लिए विधेयक पेश किया।

फिलहाल, जीवन और साधारण बीमा क्षेत्र में मालिकाना हक और प्रबंधन नियंत्रण भारतीय के पास होने के साथ स्वीकार्य एफडीआई सीमा 49 प्रतिशत है।

वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा था, ‘‘मैं बीमा कंपनियों में एफडीआई सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने और जरूरी सुरक्षा उपायों के साथ विदेशी इकाइयों को मालिकाना हक और नियंत्रण की अनुमति देने के लिये बीमा कानून, 1938 में संशोधन का प्रस्ताव करती हूं।’’

इससे पहले, 2015 में बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया गया था।

एफडीआई सीमा बढ़ाये जने से देश में जीवन बीमा की पैठ बढ़ेगी। जीवन बीमा प्रीमियम जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के प्रतिशत के रूप में 3.6 प्रतिशत है जो वैश्विक औसत 7.13 प्रतिशत के मुकाबले कम है। वहीं साधारण बीमा के मामले में यह जीडीपी का 0.94 प्रतशत है जबकि वैश्विक औसत 2.88 प्रतिशत है।

ब्रजेन्द्र

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)