देश की खबरें | बिहार में अवैध मदरसों, मस्जिदों की भरमार: गिरिराज सिंह

पटना, एक दिसंबर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को दावा किया कि बिहार में अवैध मदरसों और मस्जिदों की भरमार है जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।

राज्य की बेगुसराय लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा नेता सिंह ने इस स्थिति के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को जिम्मेदार ठहराया हुए आरोप लगाया कि दोनों "तुष्टिकरण" में लगे हुए हैं।

नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) बिहार के सत्तारूढ ‘महागठबंधन’ के मुख्य घटक दल हैं।

सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान आरोप लगाया, “ऐसा लगता है कि बिहार में अवैध मदरसों और मस्जिदों की बाढ़ आ गई है। नेपाल और बांग्लादेश की सीमा से सटे इलाकों में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है।”

उन्होंने कहा, ''वैसे तो राज्य में मुसलमानों की आबादी लगभग 18 प्रतिशत है, लेकिन इन क्षेत्रों में उनकी संख्या अधिक है। इसके अलावा, राज्य भर में प्रतिबंधित पीएफआई की मजबूत उपस्थिति है। इसलिए यह स्थिति देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है।”

उन्होंने कहा, “अगर चीजों को अनियंत्रित छोड़ दिया गया, तो आने वाले 20 वर्षों में, बिहार के लोगों के लिए उनके धर्म और धन को खतरा हो सकता है और ऐसी स्थिति के लिए नीतीश कुमार और लालू प्रसाद पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।”

उन्होंने कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री प्रसाद पर तुष्टीकरण की नींद में पड़े रहने का आरोप लगाया तथा उनसे वोट बैंक की राजनीति के बारे में चिंता करने के बजाय ऐसे अवैध मदरसों और पूजा स्थलों पर कार्रवाई करने को कहा।

सिंह के बयान का जदयू ने कड़ा खंडन करते हुए कहा है कि अगर केंद्रीय मंत्री के पास यदि कोई विवरण है तो वह उसे उपलब्ध कराएं।

जदयू मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने यहां पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से कहा, “केंद्रीय मंत्री का अवैध मदरसों से क्या मतलब है? उन्हें यह एहसास होना चाहिए कि मदरसों ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।''

जदयू नेता ने यह भी कहा, “केंद्रीय मंत्री उस सरकार का हिस्सा हैं जो न केवल मदरसों बल्कि लॉर्ड मैकाले की शिक्षा प्रणाली को चुनौती देने के लिए औपनिवेशिक शासन के दौरान बने संस्कृत विद्यालयों के प्रति भी सही सोच नहीं रखती है । नरेन्द्र मोदी सरकार ने मदरसों और संस्कृत विद्यालयों दोनों के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति समाप्त कर दी है।’’

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