पटना, 15 अप्रैल बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया और पहाड़पुर थाना क्षेत्र में शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गयी। पुलिस ने यह जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि बिहार में अप्रैल 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी लागू है।
पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान टुनटुन सिंह (35), भूटान मांझी (40), छोटू पासवान (25) और अशोक पासवान (45) के रूप में हुई है।
बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, "टुनटुन सिंह और भूटान मांझी के परिवार के सदस्यों ने जहां उनके शवों का अंतिम संस्कार किया, वहीं पुलिस ने छोटू पासवान और अशोक पासवान के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।"
बयान में कहा गया है कि आशंका जताई जा रही है कि शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात जहरीली शराब पीने से चारों की मौत हुई होगी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मौत का सही कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही होगी।
उन्होंने बताया कि जिला पुलिस मामले की जांच कर रही है और उन लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है जो कथित शराब के अवैध कारोबार में शामिल थे। घटना की जांच के तहत पुलिस ने अब तक सात लोगों को हिरासत में लिया है।
आबकारी विभाग के अधिकारी भी घटना की जांच कर रहे हैं।
अपुष्ट खबरों के मुताबिक कई अन्य ग्रामीणों को आसपास के जिलों के कुछ निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
हालांकि, राज्य में शराब तस्करों के खिलाफ चल रहे अभियान के बावजूद, बिहार में शराब की तस्करी खबरें आती रहीं हैं।
गौरतलब है कि सारण जिले में दिसंबर 2022 में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई थी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी सारण जहरीली त्रासदी के संबंध में बिहार सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।
एनएचआरसी की रिपोर्ट में मौतों के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया गया है।
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