जरुरी जानकारी | बिहार का कपड़ा क्षेत्र में प्रमुख केंद्र बनाने का लक्ष्य

पटना, 29 नवंबर बिहार सरकार नीतिगत समर्थन और बेहतर बुनियादी ढांचे के जरिये अनुकूल माहौल बनाकर राज्य को कपड़ा उद्योग के लिए एक प्रमुख केंद्र में बदलने का लक्ष्य लेकर चल रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने के समग्र उद्देश्य से भारत के कपड़ा और चमड़ा उद्योगों में बिहार को एक महत्वपूर्ण भूमिका में लाने का प्रयास कर रही है।

राज्य सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उद्योग विभाग के अधिकारियों ने हाल ही में कपड़ा और चमड़ा क्षेत्र का अध्ययन करने के लिए तमिलनाडु का दौरा किया। इस यात्रा से कार्रवाई-योग्य अंतर्दृष्टि हासिल करने और रणनीतिक सहयोग का लक्ष्य रखा गया था।

विभाग के एक प्रतिनिधिमंडल ने अग्रणी विनिर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों के साथ जुड़ने के लिए वैश्विक कपड़ा निर्माण केंद्र तिरुपुर का दौरा किया।

उद्योग विभाग के निदेशक आलोक रंजन घोष ने कहा, "तिरुपुर की इस यात्रा ने हमें सफल मॉडल को बिहार में दोहराने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी से लैस किया है।"

घोष ने कहा, "हमारा लक्ष्य बुनियादी ढांचे, नीतिगत समर्थन और प्रोत्साहनों के जरिये अनुकूल माहौल को बढ़ावा देकर बिहार को वस्त्र उद्योग के लिए एक उन्नतिशील केंद्र में बदलना और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना है।"

इस प्रतिनिधिमंडल ने चमड़ा इकाइयों के दूषित जलशोधन संयंत्र के संचालन का अध्ययन करने के लिए तमिलनाडु के रानीपेट का भी दौरा किया।

इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के चमड़ा क्षेत्र में अवसरों पर चर्चा करने के लिए चेन्नई में चमड़ा निर्यात परिषद के कार्यकारी निदेशक सेल्वम से भी मुलाकात की।

बिहार सरकार औद्योगिक वृद्धि को तेज करने, एक सक्षम परिवेश मुहैया कराने और राज्य में शीर्ष-स्तरीय विनिर्माताओं को आकर्षित करने के लिए प्रयासरत है। घरेलू और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार 19-20 दिसंबर को पटना में 'बिहार बिजनेस कनेक्ट' का दूसरा संस्करण आयोजित करने जा रही है।

बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने उम्मीद जताई है कि आगामी वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन बहुत सफल होगा और पिछले संस्करण से अधिक निवेश प्रस्ताव आएंगे। पिछले साल करीब 50,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए थे।

मिश्रा ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाताओं से कहा था, "आगामी निवेशक सम्मेलन बिहार में एक नए औद्योगिक युग की शुरुआत करेगा। सम्मेलन के पिछले संस्करण में 278 कंपनियों ने 50,500 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के लिए कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे।"

बिहार के उद्योग मंत्री ने राज्य में खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा और पर्यटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश के लिए व्यापक अवसर होने का जिक्र करते हुए विश्वास जताया कि यह सम्मेलन बिहार में अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होगा।

इस सम्मेलन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लुधियाना और कानपुर सहित पूरे भारत में कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।

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