25 नवंबर की बड़ी खबरें और अपडेट्स
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

भारत और दुनिया की सारी बड़ी खबरें एक साथ, एक जगह पढ़ने के लिए आप सही जगह पर हैं. इस पेज को हम लगातार अपडेट कर रहे हैं, ताकि ताजा अपडेट लाइव आप तक ला सकें.- हर दस मिनट में एक महिला की परिवार या पार्टनर ने की हत्या

- जर्मनी तैनात कर रहा है एरो 3 मिसाइल डिफेंस सिस्टम

- असम के मुख्यमंत्री ने जुबीन गर्ग की मौत को बताया “हत्या”

- ज्वालामुखी से निकली राख के चलते कई उड़ानें रद्द हुईं

- तालिबान ने कहा, पाकिस्तान ने की सीमावर्ती इलाकों में बमबारी

सुरक्षित खिलौनों के लिए यूरोपीय संसद में नए नियमों को मंजूरी

मंगलवार को यूरोपीय संसद ने खिलौनों से जुड़े सुरक्षा के नए नियमों को मंजूरी दे दी. इनमें बच्चों की सेहत पर असर डालने वाले कई नुकसानदेह रसायनों पर पाबंदी लगा दी गई है. नए नियमों को लागू करने के लिए चार साल छह महीने का समय तय किया गया है. इसी दौरान यूरोपीय संघ में ऐसे खिलानों को बनाना, लाना या बेचना पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा, जिनमें ये खतरनाक रसायन होंगे.

प्रतिबंधित रसायनों में अंत:स्राव में बाधा पहुंचाने वाले कई रसायन शामिल हैं जो बच्चों के हार्मोन सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करते हैं. इसके अलावा "फॉरएवर केमिकल्स" यानी पीएफएएस के जानबूझ कर इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगाई गई है. ये वे रसायन होते हैं जो आसानी से विघटित नहीं होते. बहुत मामूली मात्रा में भी इन रसायनों के संपर्क में आने से लिवर को नुकसान, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, प्रतिरक्षा में कमी, जन्म के समय वजन घटना और कई तरह के कैंसर का खतरा होता है.

कई और रसायन भी प्रतिबंधों की सूची में शामिल हैं. खिलौने बनाने वाली कंपनियों को इन्हें बेचने से पहले सभी तरह के संभावित खतरों से सुरक्षा की जांच करनी होगी. इनमें रासायनिक, भौतिक, यांत्रिक और विद्युतीय खतरे शामिल हैं.

ममता बनर्जी बोलीं, आप किसी असली मतदाता को नहीं हटा सकते

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्होंने बनगांव में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी उनका मुकाबला नहीं कर सकती. उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन टकराव शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा, “मैं बीजेपी से कहती हूं- मेरे साथ खेलने की कोशिश मत कीजिए क्योंकि आप मेरे साथ मुकाबला नहीं कर पाएंगे.”

इस दौरान उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा, “हमने कभी नहीं कहा कि यह (एसआईआर) जरूरी नहीं है. हमने कहा कि आप किसी असली मतदाता को नहीं हटा सकते…जो लोग वोट दे चुके हैं, जिन्हें राज्य की योजनाओं का लाभ मिल रहा है और जो यहां सालों से रह रहे हैं, आप उन्हें नहीं हटा सकते.” उन्होंने यह भी पूछा कि अगर बांग्लादेशी समस्या हैं तो फिर एमपी और यूपी में एसआईआर क्यों करवाया जा रहा है.

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ताबूत में अंतिम संस्कार के लिए लाई गई महिला जिंदा निकली

थाईलैंड में एक महिला ने मंदिर कर्मचारियों को तब हैरान कर दिया, जब वह ताबूत में हिलने लगी. यह महिला अंतिम संस्कार के लिए बौद्ध मंदिर वाट राट प्राखोंग थाम में लाई गई थी. यह बैंकॉक के बाहरी इलाके में नोन्थाबुरी राज्य की घटना है. इस घटना का एक वीडियो फेसबुक पेज पर डाला गया था. वीडियो में एक पिकअप ट्रक में ताबूत के अंदर रखी महिला अचानक अपना हाथ और सिर हिलाते दिख रही है. महिला को हिलते देख मंदिर कर्मचारी घबरा गए.

मंदिर के आम और वित्तीय मामलों के प्रबंधक पाइराट सूदथूप ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि 65 साल की महिला को अंतिम संस्कार के लिए वहां लाया गया था. सूदथूप का कहना है कि उन्हें ताबूत के अंदर से हल्की सी दस्तक सुनाई दी. सूदथूप के मुताबिक, "मैं थोड़ा हैरान हुआ और उन्हें ताबूत खोलने के लिए कहा, उसके बाद हर कोई दंग रह गया. मैंने देखा कि उसकी आंखें हल्की खुली थीं और वह ताबूत के किनारे को खटखटा रही थीं."

पीड़ित महिला के भाई का कहना है कि वह दो साल से गंभीर रूप से बीमार थीं और बिस्तर पर ही रहती थीं. दो दिन से उनमें कोई हरकत नहीं हो रही थी. उसके बाद भाई अपनी बहन की इच्छा के मुताबिक उनके अंग दान करने के लिए अस्पताल लेकर गए. अस्पताल ने मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं होने की वजह से उन्हें लौटा दिया.

इसके बाद वो लोग मंदिर आए क्योंकि यहां मुफ्त में अंतिम संस्कार होता है. हालांकि, प्रमाण पत्र नहीं होने से यहां भी उन्हें वही जवाब मिला. मैनेजर जब महिला के भाई को समझा रहे थे कि प्रमाण पत्र कैसे मिल सकता है, उसी दौरान दस्तक सुनाई पड़ी. अब महिला को अस्पताल भेज दिया गया है और मंदिर प्रशासन ने कहा है कि वह उनके इलाज का खर्च उठाएगा.

दूध से बने पेय से शुगर टैक्स की छूट खत्म करेगा ब्रिटेन

ब्रिटेन में मिल्कशेक, मिल्क कॉफी और इस तरह के दूसरे दूध आधारित पेय से शुगर टैक्स की छूट खत्म की जाएगी. मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग ने इसकी घोषणा की. विभाग का कहना है कि मोटापे की बढ़ती समस्या पर लगाम कसने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.

शुगर टैक्स को सॉफ्ट ड्रिंक इंडस्ट्री लेवी भी कहा जाता है. यह केन या कार्टन के डिब्बों में पैक हो कर आने वाले पेय पर लगता है. सुपरमार्केट में ये ड्रिंक खूब बिकते हैं. 2016 में सरकार ने यह कदम खासतौर से बच्चों में बढ़ते मोटापे पर रोक लगाने के लिए उठाया था. जिन कंपनियों ने अपने पेय में चीनी की मात्रा घटाई थी, उन्हें टैक्स में छूट दी गई थी.

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जनवरी, 2028 से यह छूट खत्म हो जाएगी. सॉफ्ट ड्रिंक उद्योग को नई स्थिति के लिए खुद को तैयार करने और नई रेसिपी बनाने के लिए दो साल का समय दिया गया है. कैफे, बार और रेस्तरां में खुले कप में बिकने वाले मिल्कशेक अब भी टैक्स के दायरे से बाहर रहेंगे. साथ ही गाय का सादा दूध और दूसरे पेय भी जिनमें चीनी नहीं मिलाई जाती.

पुलिस थानों में सीसीटीवी ना लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 25 नवंबर को केंद्र सरकार और उन राज्य सरकारों को फटकार लगाई, जो सुप्रीम कोर्ट के साल 2020 के उस आदेश का पालन करने में विफल रही हैं, जिसके तहत सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया था.

कानूनी मामलों की वेबसाइट बार एंड बेंच के मुताबिक, जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि हिरासत में होने वाली मौतें व्यवस्था पर एक धब्बा हैं और ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को काफी हल्के में ले रही है क्योंकि उसने पुराने आदेशों के तहत एक अनुपालन हलफनामा भी दायर नहीं किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने परमजीत सिंह सैनी बनाम बलजीत सिंह मामले में निर्देश दिया था कि देशभर के सभी पुलिस थानों में ऐसे सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए, जिनमें रात में भी रिकॉर्ड करने की क्षमता हो. इसका पालन ना होने पर सुप्रीम कोर्ट ने इस साल स्वत: संज्ञान लेकर दोबारा इस मामले में सुनवाई शुरू की थी.

कोर्ट ने अक्टूबर में निर्देश दिया था कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस मामले में अनुपालन हलफनामा दायर करें. हालांकि, सिर्फ 11 राज्यों ने ही इस निर्देश का पालन किया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई तो केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर करने के लिए तीन हफ्ते का समय मांगा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और बाकी बचे राज्यों को अनुपालन हलफनामा दायर करने के लिए और तीन हफ्ते तक का समय दिया है.

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फैजाबाद के सांसद अयोध्या में ध्वजारोहण कार्यक्रम से क्यों नाराज

फैजाबाद लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रताप ने मंगलवार को आरोप लगाया है कि उनके दलित समुदाय से ताल्लुक रखने की वजह से उन्हें अयोध्या के राम मंदिर में आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि उनको नहीं बुलाने का फैसला “छोटी सोच” को दर्शाता है और वे “सम्मान, बराबरी और संविधान की मर्यादा के लिए अपनी लड़ाई” जारी रखेंगे.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अवधेश प्रताप ने कहा, “रामलला के दरबार में धर्म ध्वजा स्थापना कार्यक्रम में मुझे नहीं बुलाए जाने का कारण मेरा दलित समाज से होना है. यह राम की मर्यादा नहीं, किसी ओर की संकीर्ण सोच का परिचय है. राम सबके हैं. मेरी लड़ाई किसी पद या निमंत्रण की नहीं, सम्मान, बराबरी और संविधान की मर्यादा की है.”

मंगलवार, 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने राम जन्मभूमि मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर “धर्म ध्वज” फहराया. एएनआई के मुताबिक, यह ध्वज समकोण त्रिभुज के आकार का है और इसकी ऊंचाई 10 फीट और लंबाई 20 फीट है. इस ध्वज पर सूरज, ओउम और कोविदार वृक्ष बने हुए हैं, जिन्हें हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है.

पप्पियों में भी मौजूद होता है भेड़ियों का डीएनए

नन्हें मुन्ने प्यारे से पप्पी जो बच्चों के खासे दुलारे होते हैं, उनमें भी भेड़ियों का डीएनए मौजूद हो सकता है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने खोज कर यह जानकारी दी है कि दो तिहाई कुत्तों की प्रजातियों में भेड़िये के डीएनए की इतनी मात्रा जरूर होती है जिसका पता लगाया जा सके. वैज्ञानिकों ने आधुनिक कुत्तों की 64 फीसदी प्रजातियों में भेड़िये का डीएनए होने की जानकारी जुटाई है.

यह डीएनए की वह मात्रा नहीं है जो 20,000 साल पहले जब भेड़ियों से कुत्तों की प्रजाति विकसित हुई तब आई थी. वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि विकसित होने के बाद भी भेड़ियों और कुत्तों के बीच बीते कुछ हजार सालों में भी सहवास होता रहा है. नई रिसर्च रिपोर्ट के सहलेखक लोगान किस्टलर का कहना है कि इसका मतलब यह नहीं है कि भेड़िए जंगल से आकर, "आपके पालतू कुत्तों के साथ सहवास करते रहे हैं." भेड़िए और कुत्ते के संसर्ग से बच्चे पैदा हो सकते हैं. हालांकि, इनके बीच संबंध बनने की घटनाएं दुर्लभ हैं.

वैज्ञानिकों को यह जरूर लगता है कि कुत्तों के आकार, सूंघने की शक्ति और यहां तक कि आधुनिक कुत्तों के प्रजातियों की प्रवृत्तियों पर भी भेड़िए के डीएनए का असर होता है. इससे पहले की रिसर्च में यह बात सामने आती रही है कि कुत्ते के कुत्ता होने का मतलब है कि उसके अंदर भेड़िए का डीएनए नहीं बचा.

जापान ने सरकारी फिजूलखर्ची कम करने के लिए पेश की योजना

जापान ने मंगलवार को सरकारी फिजूलखर्ची में कटौती करने के उद्देश्य से एक योजना पेश की. इसके लिए मौजूदा सब्सिडी परियोजनाओं और निवेश फंडों की समीक्षा की जाएगी. जापान की प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची इस कदम के जरिए जनता को यह विश्वास दिलाना चाहती हैं कि उनकी सरकार खर्च को लेकर सावधानी बरत रही है ताकि जापान के मौजूदा विशाल कर्ज में बढ़ोतरी ना हो.

जापान के वित्त मंत्रालय ने इसके लिए एक टीम बनाई है, जिसमें वित्त और अन्य मंत्रालयों के अधिकारी शामिल होंगे. इस टीम का काम ऐसे सब्सिडी कार्यक्रमों और टैक्स छूटों की पहचान करना होगा, जो अब पुराने पड़ चुके हैं या अब उनकी जरूरत नहीं रही. कुछ विश्लेषक इस कदम को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के सरकारी दक्षता विभाग के जापानी संस्करण के रूप में भी देख रहे हैं.

विरोध में बुर्का पहनने पर ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर निलंबित

ऑस्ट्रेलिया में बुर्के पर प्रतिबंध लगाने के लिए अभियान चला रही सीनेटर को संसद से निलंबित कर दिया गया है. अब वह इस साल के बाकी बचे दिनों में संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगी. सीनेटर पाउलिन हैनसन की उम्र 71 साल है. वह मुस्लिम विरोधी, आप्रवासी विरोधी वन नेशन पार्टी की नेता हैं. उन पर संसद में अपमानजनक स्टंट करने का आरोप लगाया गया है.

सोमवार को हैनसन बुर्का पहन कर सीनेट में चली आईं. यह कदम उन्होंने बुर्का पर प्रतिबंध लगाने के बिल पर सीनेट में विचार करने से इनकार करने के विरोध में उठाया था. वह चाहती हैं कि ऑस्ट्रेलिया में सार्वजनिक जगहों पर बुर्का और चेहरा ढंकने वाले हिजाब या नकाब पर रोक लगाई जाए. सीनेटरों ने पहले तो उन्हें सोमवार को पूरे दिन के लिए सदन से निलंबित किया और उनसे माफी मांगने को कहा. जब उनकी तरफ से माफी नहीं मांगी गई तो मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित कर पूरे सत्र के लिए उन्हें निलंबित कर दिया गया.

यह निलंबन अगले साल फरवरी में नया सत्र शुरू होने पर भी जारी रहेगा. हैनसन ने बाद में पत्रकारों से कहा कि उनके बारे में फैसला जनता 2028 के चुनावों में करेगी ना कि सीनेटर. हैनसन ने यह भी कहा, "वे बुर्का पर बैन नहीं लगाना चाहते, तो भी मुझे संसद में इसे पहने का अधिकार नहीं दे रहे हैं. संसद के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं है, तो भी मुझे यह पहनने नहीं दिया गया. मेरे लिए यह पाखंड है."

यूरोपीय संघ के सदस्य देश समलैंगिक शादियों को मान्यता देंः कोर्ट

यूरोप की एक शीर्ष अदालत ने यूरोपीय संघ के सदस्यों से कहा है कि वे एक दूसरे के यहां दर्ज हुई समलैंगिक शादियों को मान्यता दें. इस बारे में जर्मनी में शादी करने वाले पोलिश जोड़े ने याचिका दायर की थी.

इस जोड़े में एक सदस्य जर्मनी का नागरिक है. इन लोगों ने जर्मनी में ही रहने के दौरान 2018 में शादी कर ली थी. हालांकि, बाद में वे पोलैंड आ गए. यहां पर जब उन्होंने अपनी शादी का सर्टिफिकेट दर्ज कराने की कोशिश की तो उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली. अधिकारियों ने कहा "पोलैंड का कानून समान लिंग वाले लोगों के बीच शादी की अनुमति नहीं देता."

यूरोपीय संघ की अदालत ने इस मामले में सुनवाई करने के बाद कहा है, "जिन लोगों की बात हो रही है वे यूरोपीय संघ के नागरिक हैं और सदस्य देशों के इलाके में मुक्त रूप से आने जाने और सामान्य पारिवारिक जीवन बिताने का अधिकार है, यह अधिकार तब भी है जब वे अपने मूल स्थान पर लौटने का फैसला करते हैं."

अदालत ने कहा है कि उन्हें इसकी अनुमति नहीं देना यूरोपीय संघ के कानून का उल्लंघन है और "यह ना सिर्फ लोगों के आने जाने और रहने की आजादी बल्कि निजी और पारिवारिक जीवन के बुनियादी अधिकारों का भी उल्लंघन है."

प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन: पांच प्रदर्शनकारी न्यायिक हिरासत में भेजे गए

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने प्रदूषण विरोधी प्रदर्शन के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पांच प्रदर्शनकारियों को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. एक प्रदर्शनकारी ने नाबालिग होने का दावा किया था, जिसके बाद उसकी उम्र की पुष्टि होने तक उसे एक सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है. उसकी जमानत याचिका भी दाखिल की गई है.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रविवार को इंडिया गेट पर वायु प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान, कथित तौर पर सड़क जाम करने, पुलिस के काम में बाधा पहुंचाने और पुलिसकर्मियों पर पेपर स्प्रे का इस्तेमाल करने के लिए 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में दो अलग-अलग पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज की गई है.

पुलिस ने कोर्ट में यह भी कहा कि प्रदर्शनकारियों ने माओवादी नेता माडवी हिडमा के समर्थन में नारे लगाए. हिडमा की हाल ही में आंध्र प्रदेश में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मौत हुई है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों से पूछताछ कर यह पता लगाना चाहती है कि कहीं उनका माओवादी संगठन से कोई संबंध तो नहीं है या इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं है.

वहीं, दो आरोपियों के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किलों को हिरासत के दौरान यातना दी गई, जिसके चलते उन्हें चोटें आयीं. वकील ने कहा कि वे शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे और किसी भी देश-विरोधी या नक्सली गतिविधि में शामिल नहीं थे. एक अन्य वकील ने कोर्ट से कहा कि उनका मुवक्किल खुद एक वकील है और उसकी भी पुलिस ने पिटाई की.

जर्मनी तैनात कर रहा है एरो 3 मिसाइल डिफेंस सिस्टम

जर्मन सेना बुंडेसवेयर ने नए एरो 3 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती शुरू करने की घोषणा की है. वायु सेना का कहना है कि इसी साल 3 दिसंबर को इंस्पेक्टर जनरल कार्स्टेन ब्रॉयर और एयरफोर्स इंस्पेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल होल्गर नॉयमान इस सिस्टम की शुरुआती कार्यक्षमता के बारे में जानकारी देंगे.

इस सिस्टम की मदद से पहली बार जर्मनी के पास पृथ्वी की कक्षा के बाहर से आने वाली मिसाइलों की पहचान करने और उन्हें रोकने की क्षमता होगी. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद जर्मनी में संभावित खतरों को लेकर जो चिंता पैदा हुई उसी के नतीजे में यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम इस्राएल से हासिल किया गया है.

एरो की मदद से जर्मनी में मिसाइल डिफेंस के मामले में जो कमी है उसे पूरा कर लिया जाएगा. यह सिस्टम 100 किलोमीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर रॉकेटों को खत्म कर सकता है. इस तरह से अंतरिक्ष के करीब के इलाके तक जर्मनी अपने एयर डिफेंस का दायरा बढ़ा लेगा. जर्मनी एयर डिफेंस में निवेश बढ़ा रहा है. सरकार ने यूरोपीयन स्काई शील्ड इनिशिएटिव भी शुरू किया है, जिसके तहत महाद्वीपीय मिसाइल रक्षा नेटवर्क बनाया जाना है.

राजधानी बर्लिन के दक्षिण में जर्मन राज्य ब्रांडनबुर्ग, सैक्सनी-अनहाल्ट और सैक्सनी राज्य की सीमा पर मौजूद होल्जडोर्फ बेस पर पहला एरो 3 सिस्टम तैनात करने की योजना है. इसके अलावा दो और जगहों पर भी इनकी तैनाती होगी.

असम के मुख्यमंत्री ने जुबीन गर्ग की मौत को बताया “हत्या”

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य के मशहूर गायक जुबीन गर्ग की मौत को हत्या बताया है. उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि शुरुआती जांच के मुताबिक, जुबीन गर्ग की मौत गैर-इरादतन हत्या का मामला नहीं, बल्कि स्पष्ट तौर पर “हत्या” का मामला है. उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर असम पुलिस को पूरा यकीन है.

सरमा ने कहा, “जुबीन गर्ग की मौत 19 सितंबर, 2025 को हुई. 20 सितंबर को हमने इस मामले में पहली एफआईआर दर्ज की. पहले दिन हमें संदेह हुआ कि जुबीन गर्ग की मौत प्राकृतिक नहीं है. हमने भारतीय न्याय संहिता की धारा 61, 105 और 106 के तहत एफआईआर दर्ज की. शुरुआती जांच के दौरान असम पुलिस को यकीन हो गया कि ये गैर-इरादतन हत्या का नहीं, बल्कि स्पष्ट रूप से हत्या का मामला है.”

उन्होंने आगे कहा कि घटना के दो दिन के भीतर असम सरकार ने अदालत से इस मामले में धारा 103 भी जोड़ने का अनुरोध किया, जिसे चर्चा के बाद कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. उन्होंने कहा, “यह तीसरे दिन से हत्या का मामला है. अगर हम धारा 103 नहीं जोड़ते तो सभी आरोपियों को जमानत मिल सकती थी.” उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में अभी चार आरोपी जेल में बंद हैं.

चीन ने समय से पहले भेजा शेनझू-22 अंतरिक्ष यान

चीन ने मंगलवार को जल्दबाजी में एक मानवरहित अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है. इससे पहले के मिशन के रिटर्न कैप्सूल में गड़बड़ी आने के बाद उसके स्पेस स्टेशन पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के पास वापस पृथ्वी पर आने का कोई जरिया नहीं है.

लॉन्ग मार्च-2एफ रॉकेट के जरिए शेनझू-22 अंतरिक्ष यान मंगलवार दोपहर को जियुकुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से रवाना हुआ. सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने इस उड़ान का फुटेज दिखाया है. हाल में शेनझू मिशनों का इस्तेमाल चीन के तियांगोंग स्पेस स्टेशन पर क्रू को ले जाने के लिए होता रहा है. स्टेशन पर मौजूद तीन अंतरिक्षयात्रियों की टीम हर छह महीने पर बदल जाती है.

चीनः अनंत अंतरिक्ष का तन्हा राही

शेनझू -22 को 2026 में अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर जाना था. हालांकि, शेनझू-20 रिटर्न कैप्सूल से संदिग्ध अंतरिक्ष कचरे की टक्कर के बाद उसे पृथ्वी पर लाना सुरक्षित नहीं रह गया है. ऐसे में क्रू मेंबर कुछ समय के लिए अंतरिक्ष में फंस गए हैं. शेनझू-20 की टीम शेनझू-21 के जरिए 14 नवंबर को धरती पर लौट आई. हालांकि, यह वापसी तय समय से नौ दिन बाद हुई.

अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर फहराया गया “धर्म ध्वज”

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर “धर्म ध्वज” फहराया. यह ध्वजारोहण मंदिर निर्माण के पूरे होने का प्रतीक है. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह ध्वज समकोण त्रिभुज के आकार का है और इसकी ऊंचाई 10 फीट और लंबाई 20 फीट है. इस ध्वज पर सूरज, ओउम् और कोविदार वृक्ष बने हुए हैं, जिन्हें हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है. ध्वजारोहण का कार्यक्रम मंगलवार को अभिजीत मूहर्त में किया गया. इससे पहले पीएम मोदी ने राम मंदिर परिसर में बने अन्य मंदिरों में भी पूजा-अर्चना की.

इस मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "यह धर्मध्वज केवल एक ध्वज नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है. इसका भगवा रंग, इस पर रचित सूर्यवंश की ख्याति, वर्णित ओउम् शब्द और अंकित कोविदार वृक्ष रामराज्य की कीर्ति को प्रतिरूपित करता है." उन्होंने कहा कि ये ध्वज सदियों से चले आ रहे सपनों का साकार स्वरूप है.