मुंबई, 23 सितंबर भारत को उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करने के लिये लगातार कदम उठाने की जरूरत है। उसे यह मानकर नहीं चलना चाहिये कि उसके उच्च वृद्धि के रास्ते पर पहुंचाना पूर्व निर्धारित है। निजी इक्विटी क्षेत्र की प्रमुख वैश्विक कंपनी वारबर्ग पिंकस के सीईओ चार्ल्स काये ने बुधवार को यह विचार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि सुधारों के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना और उन्हें अमल में लाना भारत के लिये ‘‘मूल चुनौती’’ है। काये ने कहा कि भारत के लिये चुनौतियां और अवसर दोनों ही घरेलू प्रकृति की हैं।
बारबर्ग पिंकस ने 1995 से भारत में पांच अरब डालर का निवेश किया है। उसने एचडीएफसी, कोटक महिन्द्र बैंक और भारती एयरटेल में दांव लगाया है। इनमें उसे अच्छा प्रतिफल भी प्राप्त हुआ है। उसने इनमें निवेश कर जोखिम निवेश के क्षेत्र में नया कीर्तिमान बनाया है।
चार्ल्स काये की तरफ से यह वक्तव्य ऐसे समय में आया है जब भारत कृषि और श्रम सुधारों को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के पास युवा आबादी के रूप में जानसांख्यकीय लाभ है लेकिन यह नहीं मान लेना चाहिये की उसकी उच्च आर्थिक वृद्धि पूर्व निर्धारित है। अवसर का लाभ उठाने के लिये लगातार सतर्कता और अहम कदम उठाने की जरूरत है।
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इकोनोमिक टाइम्स के ग्लोबल बिजनेस शिखर सम्मेलन को वीडियो कन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुये काये ने कहा कि 1995 के बाद से भारत ने काफी सुधार किये हैं। लेकिन भारत के लिये मुख्य चुनौती सुधारों को पूरा करने की है। कंपनी ने भारत में 1995 में ही पहली बार एचडीएफसी में निवेश किया था।
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