Jammu -Kashmir : पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला का बड़ा आरोप, कहा - 2019 में जब पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हुए थे, तब पीएम एक फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे
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श्रीनगर, सात मई नेशनल कॉंफ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में शांति कायम होने का दावा करने को लेकर मंगलवार को केंद्र पर प्रहार किया और कहा कि प्रधानमंत्री उस वक्त एक फिल्म की शूटिंग करने में व्यस्त थे जब 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में सीआरएफ के 40 जवान शहीद हो गए.

अब्दुल्ला ने कहा कि यदि स्थिति सामान्य रहती तो कुलगाम और सुरनकोट में क्या मुठभेड़ होती? उन्होंने कहा, ‘‘हमारे जावन शहीद हो रहे हैं...आप उन्हें कब तक मरने देंगे? उन्होंने पुलवामा (2019 में) सीआरपीएफ के 40 कर्मियों को शहीद करा दिया.’’अब्दुल्ला ने एक चुनावी रैली के दौरान बारामूला में संवाददाताओं से कहा, ‘‘तत्कालीन राज्यपाल ने खुद कहा था कि (विस्फोटक लदी) कार तीन हफ्तों से इलाके में इधर-उधर जा रही थी और जब यह मौके पर पहुंची, बेकसूर लोग शहीद हो गए. प्रधानमंत्री क्या कर रहे थे? वह जंगल में एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे.’’

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री से कहा था कि ‘‘यह हमारी गलती है कि सीआरपीएफ के 40 कर्मियों की जान चली गई’’, लेकिन मोदी ने उनसे चुप रहने को और यह भी कहा था कि, ‘‘हमें दूसरे देश को जिम्मेदार ठहराना है.’’फारूक ने कहा, ‘‘यह स्थिति है और आप कह रहे हैं कि शांति है. अगर शांति होती तो क्या मेरे साथ इतने सुरक्षाकर्मी होते? शांति कहां है? अल्लाह का शुक्र है कि हम यहां मुक्त रूप से घूम रहे हैं. लेकिन वे देश भर में नफरत पैदा कर रहे हैं, मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा, उनकी दाढ़ी काट दी गई और जय श्रीराम का नारा लगाने को कहा गया.’’ यह भी पढ़े :Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस को वोट दें, मजबूत और एकजुट भारत बनाएं- सोनिया गांधी

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भाजपा पर देश में नफरत पैदा करने का आरोप लगाया और पूछा कि ‘‘क्या (भगवान) राम केवल उनके हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘कौन किस तरह से प्रार्थना करता है यह उनकी अपनी इच्छा है.यह एक आजाद मुल्क है.लेकिन यह मुक्त नहीं रहेगा. वे हमें निर्देशित करेंगे कि क्या पहनना है, क्या खाना है और कहां नमाज अदा करनी है.’’

फारूक ने कहा कि क्या आपको याद है कि ‘‘उन्होंने हमारी मस्जिदों, मदरसों को कैसे ध्वस्त किया’’ था, और फिर वे ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘‘सबका बेड़ा गर्क’’ का दावा करते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत आजाद हुआ तो हम (नरेन्द्र) मोदी के नहीं, (महात्मा) गांधी के भारत में शामिल हुए. हम गांधी के भारत को वापस लाना चाहते हैं जहां हम गरिमापूर्ण तरीके से चल सकें और बात कर सकें.’’वहीं, नेकां नेता उमर अब्दुल्ला ने उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एक चुनावी सभा के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री रहने के दौरान जम्मू कश्मीर से विवादित सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफ्सपा) हटाने का विरोध किया था.

उमर ने कहा, ‘‘यह बात मैं भूला नहीं हूं.जब मैं यहां (2012-13 में) अफ्सपा हटाने के बारे में बात कर रहा था, महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि उमर अब्दुल्ला सेना का अपमान कर रहे हैं.’’

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