व्हाइट हाउस ने रविवार को कहा कि इस मुलाकात का उद्देश्य प्रतिद्वंद्वी देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों और परस्पर संदेह के दौर में ‘‘जिम्मेदारीपूर्ण रिश्ते को बनाए रखना’’ है।
व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि सुलिवन और वांग के बीच ‘‘स्पष्ट, ठोस और रचनात्मक चर्चा’’ हुई, क्योंकि दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं ‘‘संचार की खुला संवाद बरकरार रखने की कोशिश कर रही हैं।’’
सुलिवन और वांग के बीच इससे पहले मई में वियना में बातचीत हुई थी। दोनों अधिकारियों ने माल्टा में दो दिनों में लगभग 12 घंटे एक साथ बिताए।
व्यापक व्यापार साझेदारी के बावजूद वाशिंगटन और बीजिंग खुद को प्रतिस्पर्धी के रूप में देखते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने हाल में भारत में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग से बात की थी। बाइडन ने संवाददाताओं से कहा था कि ली से उन्होंने ‘‘स्थिरता’’ के बारे में चर्चा की और ‘‘यह बिल्कुल भी टकरावपूर्ण नहीं थी।’’
बाइडन ने प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए जापान, दक्षिण कोरिया, भारत, वियतनाम और अन्य के साथ संबंधों को मजबूत करने पर काम किया है।
उन्होंने पिछले रविवार को वियतनाम की राजधानी हनोई में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि यह साझेदारी चीन के साथ ‘‘शीत युद्ध’’ को लेकर नहीं हैं।
बाइडन ने कहा था, ‘‘यह चीन को नियंत्रित करने के बारे में नहीं है। यह वैश्विक आर्थिक विकास के लिए एक स्थिर आधार पाने के बारे में है।’’
फिर भी यह साझेदारी प्रतिस्पर्धी दबावों से भरी हुई है।
बाइडन प्रशासन ने इस साल की शुरुआत में अमेरिकी महाद्वीप में घुसे एक चीनी गुब्बारे को मार गिराया था। इसके बाद चीन की सरकार ने अमेरिका की वाणिज्य मंत्री गिना रायमोंडो का ईमेल हैक कर लिया था। वहीं, अमेरिकी प्रशासन ने चीन को उन्नत कंप्यूटर चिप का निर्यात प्रतिबंधित कर दिया है।
व्हाइट हाउस ने कहा कि सुलिवन और वांग ने दोनों देशों के बीच संबंधों, वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों, यूक्रेन में रूस के युद्ध और ताइवान जलडमरूमध्य पर चर्चा की। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मादक पदार्थ विरोधी प्रयासों और चीन में हिरासत में लिए गए अमेरिकी नागरिकों की स्थिति पर भी बातचीत की।
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