अमेरिका का राष्ट्रपति हर साल संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करता है जिसे ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ या ‘एसओटीयू’ संबोधन के नाम से जाना जाता है. बाइडन ने इस बार ऐसे समय में ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ संबोधन दिया है जब वह आठ महीने बाद फिर से राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए चुनावी मैदान में होंगे.
बाइडन (81) ने कहा, ‘‘मेरे जीवन ने मुझे स्वतंत्रता और लोकतंत्र को अपनाना सिखाया है.’’ उन्होंने ट्रंप का अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भविष्य उन आधारभूत मूल्यों पर आधारित है जिन्होंने अमेरिका को परिभाषित किया है: ईमानदारी, शालीनता, गरिमा, समानता, सबका सम्मान करना, हर किसी को उचित मौका देना, नफरत को नहीं पालना. मेरी उम्र के कुछ अन्य लोग एक अलग कहानी देखते हैं: आक्रोश और प्रतिशोध की एक अमेरिकी कहानी. मैं ऐसा नहीं हूं.’’ यह भी पढ़ें :चीन की चुनौती के बीच भारत जैसे सहयोगियों के साथ साझेदारी मजबूत कर रहा है अमेरिका : बाइडन
राष्ट्रपति ने बुनियादी ढांचे और विनिर्माण संबंधी अपनी उपलब्धियों के बारे में बताया और संसद पर यूक्रेन को अधिक सहायता देने, प्रवासियों संबंधी सख्त नियम बनाने एवं दवाओं की कीमत कम करने को मंजूरी देने के लिए दबाव डाला. बाइडन ने देश के लिए एक आशावादी भविष्य की तस्वीर पेश की लेकिन साथ ही सचेत किया कि देश और विदेश में वह जो प्रगति देख रहे हैं, वह ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने पर खतरे में पड़ जाएगी.