देश की खबरें | सिख समुदाय को 'अस्थिर' करने की कोशिश करने वालों से होथियार रहिएः अकाल तख्त जत्थेदार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. गुरु ग्रंथ साहिब की कुछ प्रतियां गायब होने को लेकर एसजीपीसी कार्य बल और कुछ सिख संगठनों के सदस्यों के बीच हुए संघर्ष के कुछ दिन बाद अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने मंगलवार को कहा कि सिखों को उन लोगों से होशियार रहने की जरूरत है जो समुदाय को "अस्थिर" करने की कोशिश कर रहे हैं।
अमृतसर, 17 नवंबर गुरु ग्रंथ साहिब की कुछ प्रतियां गायब होने को लेकर एसजीपीसी कार्य बल और कुछ सिख संगठनों के सदस्यों के बीच हुए संघर्ष के कुछ दिन बाद अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने मंगलवार को कहा कि सिखों को उन लोगों से होशियार रहने की जरूरत है जो समुदाय को "अस्थिर" करने की कोशिश कर रहे हैं।
यहां स्वर्ण मंदिर परिसर के मंजी साहिब हॉल में सिखों के शीर्ष संस्था शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के गठन के 100 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम को हरप्रीत सिंह संबोधित कर रहे थे।
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इस विवाद पर टिप्पणी करते हुए जत्थेदार ने कहा कि हाल में कुछ "तथा कथित" सिख संगठनों ने एसजीपीसी परिसर के दरवाजे "बंद" करने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा फिर हुआ तो सिखों को गांवों में नहीं बैठे रहना चाहिए, बल्कि अमृतसर आना चाहिए और उन लोगों को चुनौती देनी चाहिए जो समुदाय को "अस्थिर" करने की कोशिश कर रहे हैं।
हरप्रीत सिंह ने कहा कि गुरुद्वारों का प्रबंधन करने वाली एसजीपीसी को ऐसे तत्वों से और सतर्क रहना चाहिए।
बता दें कि कुछ दिन पहले कट्टपंथी सिख संगठनों के कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया था और स्वर्ण मंदिर में एसजीपीसी परिसर के दरवाजे कथित रूप से बंद करने की कोशिश की थी। इस वजह से संघर्ष हो गया था जिसमें कई लोग जख्मी हो गए थे।
एसजीपीसी रिकॉर्ड से गुरु ग्रंथ साहिब की 328 प्रतियां गायब होने के लिए कट्टरपंथी एसजीपीसी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
जत्थेदार ने कहा, " यह बेअदबी का मामला नहीं है, जैसा बनाया जा रहा, बल्कि यह भ्रष्टचार और प्रशासनिक चूक का मामला है। "
उन्होंने कहा, " मामले में जरूरी कार्रवाई की जा चुकी है और एक प्रतिष्ठित न्यायाधीश द्वारा जांच रिपोर्ट जमा करने के बाद चूक और भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।"
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने अल्पसंख्यकों की "सुरक्षा, समानता और गरिमा" को सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया।
बादल ने एसजीपीसी से कहा कि धर्मांतरण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए पांच साल का अभियान चलाया जाना चाहिए।
शिअद प्रमुख ने कहा, " खालसा पंथ अपनी अनूठी, अलग धार्मिक पहचान पर काफी गर्व करता है। खालसा न किसी अन्य धर्म में दखलअंदाजी करता है न ही अपने मजहबी मामलों में दूसरों का हस्तक्षेप बर्दाश्त करता है।"
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