केजरीवाल हों या हेमंत सोरेन, हर ‘भ्रष्ट नेता’ को सजा मिलेगी: भाजपा

नयी दिल्ली, 3 जनवरी: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को बार-बार नजरअंदाज करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बुधवार को आलोचना की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में हर ‘भ्रष्ट नेता' को उनके गलत कामों के लिए ‘दंडित’ किया जाएगा. पार्टी ने यह भी सवाल किया कि अगर केजरीवाल को लगता है कि उनके खिलाफ कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है तो उन्होंने अदालतों का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, ‘‘वे दिन गए जब भ्रष्ट नेता देश के ईमानदार नागरिकों पर शासन करते थे। भ्रष्ट नेताओं के लिए एकमात्र जगह सलाखों के पीछे है और यह हमारा दृढ़ संकल्प है कि हर भ्रष्ट नेता को कानून के अनुसार दंडित किया जाए.’’

भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है और जांच एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करने और बिना किसी पूर्वाग्रह के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने की ‘खुली छूट’ दी गई है.

भाटिया ने कहा कि नेताओं को ‘अपने कुकर्मों और भ्रष्टाचार’ के परिणामों का सामना करना पड़ेगा, चाहे वह केजरीवाल हों, सोरेन हों या कोई और. उन्होंने यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, ‘‘इस तरह के नाटकों से मदद नहीं मिलेगी क्योंकि केजरीवाल जानते हैं कि हथकड़ी उनके करीब आ रही है.’’ उन्होंने कहा कि ‘कानून की शक्ति’ और लोगों का विश्वास केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ है.

भाजपा की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी की ओर से जारी तीसरे समन पर भी पेश नहीं हुए और लिखित जवाब भेजकर नोटिस को ‘अवैध’ करार दिया. इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाटिया ने कहा, ‘‘कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल डर से कांप रहे हैं और ईडी के समन को नजरअंदाज करने के लिए एक के बाद एक बहाने बना रहे हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना गलत नहीं होगा कि केजरीवाल आज डरे हुए हैं क्योंकि वह जानते हैं कि उनकी गिरफ्तारी होने वाली है.

वह जानते हैं कि वह सरगना हैं और उनके पास (ईडी के सवालों का) कोई जवाब नहीं है. यही कारण है कि वह कानून की प्रक्रिया से बचने की कोशिश कर रहे हैं.’’ भाजपा नेता ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ होगा कि किसी ने किसी जांच एजेंसी को अपना समन वापस लेने का ‘आदेश’ दिया हो. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन भ्रष्ट अरविंद केजरीवाल ने ईडी से अपना समन वापस लेने को कहा। अरविंद केजरीवाल जी, आप कानून से ऊपर नहीं हैं.’’

उन्होंने कहा कि यह जांच एजेंसियों का अधिकार है कि वे ‘सबूतों के अनुसार’ भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करें. भाटिया ने कहा कि अगर केजरीवाल को लगता है कि ईडी ने उन्हें कथित राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से समन जारी किया है तो उन्हें राहत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘अगर ईडी का समन राजनीति से प्रेरित है तो उन्होंने अब तक अदालत का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया? वह (अदालत जाने का) साहस नहीं जुटा पा रहे हैं क्योंकि वह सच्चाई जानते हैं कि वह शराब घोटाले के सरगना हैं.’’

उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह सिर्फ उनकी कठपुतली हैं. भाटिया ने आरोप लगाया कि कभी भारत से भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करने वाले केजरीवाल खुद राजनीति में ‘भ्रष्ट दीमक’ बन गए हैं और उन्हें गलतफहमी है कि वह कानून से ऊपर हैं. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अरविंद केजरीवाल, आपको छल, भ्रष्टाचार, दुष्प्रचार करने में महारत हासिल है और यह आपका पर्याय बन गया है.’’

आम आदमी पार्टी के इस आरोप पर कि भाजपा नीत केंद्र सरकार केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने के लिए उन्हें गिरफ्तार करने की साजिश रच रही है, भाटिया ने कहा कि जांच एजेंसियां ईमानदारी से भ्रष्टाचारियों को चील की तरह पकड़ रही हैं और उनसे लोगों की गाढ़ी कमाई का ब्योरा मांग रही हैं.’’ उन्होंने आप के राष्ट्रीय संयोजक से ‘सच सामने आने देने’ को कहा. भाटिया ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्षी दलों की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाते हुए ‘इंडिया’ गठबंधन पर भी निशाना साधा.

झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेता सोरेन भी धनशोधन के एक मामले में ईडी द्वारा जारी सात समन में पेश नहीं हुए. झामुमो विपक्षी गठबंधन के घटक दलों में से एक है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हेमंत सोरेन का समन से बचना स्पष्ट रूप से उसी मानसिकता को दर्शाता है जिसकी मैंने अरविंद केजरीवाल के मामले में अभी चर्चा की है कि पहले आप लूटते हैं, भ्रष्टाचार में लिप्त होते हैं और फिर जब सवाल पूछे जाते हैं और आपको आपके कुकर्मों और भ्रष्टाचार के लिए जवाबदेह बनाया जाता है, तो आप समन से बचते हैं,’’

मीडिया में आई उन खबरों का जिक्र करते हुए जिनमें दावा किया गया है कि सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को अपना उत्तराधिकारी बनाने की योजना बना रहे हैं, भाटिया ने कहा, ‘‘वे (झामुमो) जांच एजेंसी द्वारा की जाने वाली गिरफ्तारी के परिणामों की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि यह उसके अधिकार क्षेत्र में आता है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उन्होंने (सोरेन की जगह लेने के लिए) किसे चुना है? यह फिर से उनके अपने परिवार से कोई है. यह सब मीडिया की अटकलें हैं लेकिन इससे (झामुमो नेतृत्व की) वंशवादी मानसिकता का पता चलता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा कहा है कि ईडी गठबंधन भ्रष्टाचार का पर्याय है। उनके नेता या तो जेल में हैं या जमानत पर हैं.’’

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