जरुरी जानकारी | बैंकों को कारोबार को बढ़ावा देने के लिए भागीदारी का म़ॉडल अपनाना होगाः मोदी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन-संपत्ति एवं रोजगार के अवसर पैदा करने वालों का समर्थन करने के लिए बृहस्पतिवार को बैंकों को प्रेरित करते हुए कहा कि देश की बैलेंस शीट सुधारने के लिए उन्हें सक्रियता से काम करना होगा।
नयी दिल्ली, 18 नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन-संपत्ति एवं रोजगार के अवसर पैदा करने वालों का समर्थन करने के लिए बृहस्पतिवार को बैंकों को प्रेरित करते हुए कहा कि देश की बैलेंस शीट सुधारने के लिए उन्हें सक्रियता से काम करना होगा।
मोदी ने 'निर्बाध ऋण प्रवाह एवं आर्थिक वृद्धि के लिए सिनर्जी का निर्माण' विषय पर आयोजित एक परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि बैंकों को कारोबारों के फलने-फूलने में मदद के लिए अब एक भागीदारी मॉडल अपनाना होगा और कर्ज की 'मंजूरी देने वाले' की सोच से खुद को दूर करना होगा।
प्रधानमंत्री ने बैंकरों का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘बैंकों को धन-संपत्ति का सृजन करने वालों और नौकरियां पैदा करने वालों का समर्थन करना है। वक्त आ गया है कि अब बैंक अपनी बैलेंस शीट के साथ ही देश की बैलेंस शीट भी सुधारने में मदद करें।’’
उन्होंने बैंकरों को कारोबारों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए उनकी जरूरत के हिसाब से समाधान मुहैया कराने को भी कहा। उन्होंने कहा, ‘‘आप ग्राहकों के बैंक आने का इंतजार न करें। आपको उनके पास जाना होगा।’’
प्रधानमंत्री ने पिछले पांच वर्षों में बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) सबसे कम होने और बैंकों के पास समुचित तरलता होने का जिक्र करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद बैंकिंग क्षेत्र चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मजबूत बना रहा। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने इस क्षेत्र का परिदृश्य भी सुधारा है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में गठित राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एनएआरसीएल) से दो लाख करोड़ रुपये मूल्य की दबावग्रस्त परिसंपत्ति के समाधान में मदद मिलेगी।
मोदी ने कहा, ‘‘पिछले छह-सात वर्षों में हुए सुधारों ने बैंकिंग क्षेत्र को आज मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है। हमने बैंकों की एनपीए समस्या का समाधान निकाला है, बैंकों में नई पूंजी डाली है, दिवालियापन संहिता लेकर आए और ऋण वसूली न्यायाधिकरण को सशक्त किया है।’’
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