बांग्लादेश में अगस्त में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शनों के चलते सत्ता से बेदखल होने के बाद हसीना निर्वासन में हैं।
अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर राष्ट्र के नाम संबोधन में यूनुस ने कहा कि अंतरिम सरकार हसीना सहित उन लोगों पर मुकदमा चलाएगी, जो छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों के दौरान सैकड़ों मौतों के लिए जिम्मेदार हैं।
हसीना के देश छोड़कर जाने के तीन दिन बाद यूनुस ने आठ अगस्त को अंतरिम सरकार के प्रमुख का पदभार संभाला था।
उन्होंने कहा कि न केवल प्रदर्शन में हुई मौतें, बल्कि हसीना के सत्ता में रहने के दौरान कथित तौर पर जबरन गायब किए गए लोगों सहित मानवाधिकारों के सभी अन्य उल्लंघनों की जांच की जाएगी।
बांग्लादेश ने हसीना और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए ‘रेड नोटिस’ जारी करने में वैश्विक पुलिस संगठन इंटरपोल से मदद मांगी है।
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित यूनुस ने कहा, ‘‘हम भारत से तानाशाह शेख हसीना को स्वदेश भेजने की मांग करेंगे। मैंने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) के मुख्य अभियोजक करीम खान के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की थी।’’
हसीना और उनके करीबी सहयोगी देश में कई आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। वहीं, यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार भी इस मामले को आईसीसी को सौंपने पर जोर दे रही है।
यूनुस ने कहा कि उनकी सरकार का सबसे महत्वपूर्ण काम एक निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपने के लिए चुनाव कराना है, लेकिन उन्होंने कोई समयसीमा नहीं बताई। उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन सबसे पहले चुनावी प्रणाली सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाएगा।
यूनुस ने वादा किया कि एक बार चुनावी सुधार पूरे हो जाने के बाद नये चुनाव के लिए खाका पेश किया जाएगा।
उन्होंने अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हमलों की खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई खबरें बताया। हिंदू समुदाय के लोगों में से कई ने शिकायत की थी कि हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद से कट्टरपंथी इस्लामवादी तेजी से प्रभावशाली हो रहे हैं।
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