देश की खबरें | सिख राजनीतिक कैदियों की जल्द रिहाई के लिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप का अनुरोध किया बादल ने

नयी दिल्ली, 11 अगस्त शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने सजा काटने के बाद भी अनेक जेलों में बंद सिख राजनीतिक कार्यकर्ताओं की जल्द रिहाई के लिए बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी से हस्तक्षेप की मांग की।

बादल ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि अनेक सिख राजनीतिक कार्यकर्ता अदालतों द्वारा उन्हें सुनाई गयी सजा पूरी करने के बावजूद जेलों में बंद हैं। इन्हें ‘बंदी सिख’ भी कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि अनेक जेलों में बंद रहने की अवधि न्यायिक आदेशों की समयावधि से अधिक हो गयी है और 27 साल तक खिंच गयी है। उन्होंने कहा कि यह न केवल देश के कानून का उल्लंघन है बल्कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में अन्याय के समान है जो न्याय और निष्पक्षता के संवैधानिक नियमों को कायम रखने पर गौरव करता है।

बादल ने कहा कि इससे न केवल संबंधित कैदियों बल्कि पूरे सिख समुदाय का भावनात्मक अलगाव बढ़ता है।

उन्होंने कहा कि मोदी ने श्री गुरू नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव पर उनकी रिहाई का वादा किया था।

बादल ने लिखा, ‘‘यह प्रतिबद्धता अपने आप में इस बात की स्वीकारोक्ति थी कि इन सिख कैदियों को सलाखों के पीछे रखना और उन्हें अवर्णनीय शारीरिक और भावनात्मक कैद न केवल संवैधानिक तर्कों और अनिवार्यताओं का उल्लंघन है बल्कि कानून के शासन तथा सभी सभ्यतागत मूल्यों की भी अवहेलना है।’’

अकाली दल नेता ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘‘अकाली दल, पूरे सिख समुदाय और सही सोच रखने वाले तथा नागरिक स्वतंत्रताओं के पैरोकारों की ओर से मैं एक बार फिर आपसे अनुरोध करता हूं कि आपके द्वारा व्यक्त की गयी प्रतिबद्धता को तेजी से पूरा करने के लिए सीधे हस्तक्षेप करें। मैं आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर बंदी सिखों की रिहाई के लिए मामले में आपके हस्तक्षेप को लेकर आशान्वित हूं।’’

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