गुलाम नबी आजाद 10 दिन में करेंगे नई पार्टी का ऐलान, धारा-370 की बहाली का वादा करने वाले दलों की खिंचाई की
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Photo Credit-ANI)

बारामूला (जम्मू-कश्मीर), 11 सितंबर: कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी राजनीतिक पार्टी शुरू करने की तैयारियों के बीच रविवार को कोई अख्तियार नहीं होने के बावजूद अनुच्छेद 370 की बहाली का वादा करने वाले दलों की जमकर खिंचाई की और कहा कि वह लोगों को गुमराह नहीं करेंगे. Video: राहुल गांधी पर बरसे गुलाम नबी आजाद, कहा- कांग्रेस में अनपढ़ों की जमात है.

पिछले महीने कांग्रेस छोड़ने के बाद कश्मीर घाटी में अपनी पहली रैली में उन्होंने कहा कि केवल संसद में दो-तिहाई बहुमत वाली सरकार ही जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति की बहाली सुनिश्चित कर सकती है.

आजाद ने पिछले महीने कांग्रेस छोड़ने के बाद कश्मीर घाटी में अपनी पहली रैली कहा, ‘‘आजाद जानता है कि क्या किया जा सकता है और क्या नहीं. मैं या कांग्रेस पार्टी या तीन क्षेत्रीय दल आपको अनुच्छेद 370 वापस नहीं दे सकते, न ही (टीएमसी प्रमुख) ममता बनर्जी, या द्रमुक या (राकांपा प्रमुख) शरद पवार.’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह ऐसे मुद्दे नहीं उठाएंगे, जिन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने उत्तरी कश्मीर में डाक बंगला-बारामूला में एक जनसभा में कहा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं अनुच्छेद 370 के बारे में बात नहीं करता हूं. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आजाद चुनावी फायदे के लिए लोगों को बेवकूफ नहीं बनाता है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अल्लाह के समक्ष कसम खाता हूं कि मैं आपको गुमराह नहीं करूंगा. मैं ऐसे नारे या मुद्दे नहीं उठाऊंगा, जिन पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं है.’’ आजाद ने कहा कि संसद में केवल दो-तिहाई बहुमत वाली पार्टी ही पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल कर सकती है, जिसे केंद्र ने अगस्त 2019 में रद्द कर दिया था.

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी की हर राज्य में हार के साथ राज्यसभा में उसकी ताकत कम हो रही है ...मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 350 से ज्यादा सीट मिल सकती हैं.’’

आजाद ने कहा, ‘‘मैं यह कहां से हासिल कर सकता हूं? लोगों को गुमराह क्यों करूं.’’

पिछले महीने कांग्रेस से अपना पांच दशक पुराना नाता खत्म करने वाले आजाद ने कहा कि वह 10 दिन के भीतर अपनी नयी राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा करेंगे, जिसकी विचारधारा ‘‘आजाद’’ होगी.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता रह चुके आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कराने, अपने लोगों को नौकरियों और जमीन पर विशेष अधिकार देने तथा विकास लाने पर ध्यान केंद्रित करेगी.

अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी के इस आरोप का जिक्र करते हुए कि आजाद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के पक्ष में मतदान किया था, उन्होंने कहा कि बुखारी को पहले यह समझना चाहिए कि संसद कैसे काम करती है.

आजाद ने कहा, ‘‘मैंने गृह मंत्रालय द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए लाए गए विधेयक के खिलाफ मतदान किया था.’’ जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लोगों से चांद-तारे का वादा नहीं करेंगे, बल्कि राज्य का दर्जा बहाल करने जैसी चीजों का ही वादा करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य का दर्जा इसलिए हासिल किया जा सकता है क्योंकि किसी संवैधानिक संशोधन की जरूरत नहीं है... हमें इसके लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत नहीं है. हमारी जमीन सिर्फ हमारी होनी चाहिए और कोई भी बाहरी व्यक्ति उस पर स्वामित्व रखने में सक्षम नहीं होना चाहिए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘जमीन की तरह हमारी नौकरियां भी केवल हमारी होनी चाहिए. इन दो मुद्दों के लिए संसद की जरूरत नहीं है. इसलिए मैं केवल उन चीजों के बारे में बात करता हूं, जिन्हें हासिल किया जा सकता है.’’

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