इस्लामाबाद, 29 मार्च पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के प्रधान न्यायाधीश के विवेकाधिकार को सीमित करने की कोशिश को लेकर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इसका मकसद न्यायपालिका पर दबाव बनाना है।
गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल पर 22 फरवरी के पंजाब व खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय चुनाव पर स्वत: संज्ञान लेने के बाद कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने मंगलवार को ‘‘ उच्चतम न्यायालय (कार्य व प्रक्रिया) अधिनियम- 2023 पेश किया।
जियो टीवी ने पीटीआई प्रमुख द्वारा मंगलवार को टेलीविजन पर प्रसारित संबोधन के हवाले से कहा, ‘‘हम में से सभी न्यायिक सुधार चाहते हैं, लेकिन उनका (सत्तारूढ़ पीडीएम गठबंधन की पार्टियां) केवल एक लक्ष्य चुनाव से बचना है।’’
खान ने ट्वीट किया, ‘‘ अपराधियों का गिरोह पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय पर हमला कर रहा है ताकि उसकी ताकत को कम किया जा सके, इसका जनता ने मजबूती से विरोध किया और यह विरोध आगे भी जारी रहेगा।’’
खान (70)ने कहा कि मौजूदा सरकार जल्दबाजी में फैसले कर रही है ताकि न्यायपालिका पर दबाव बनाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में संविधान के अनुच्छेद 184 के तहत स्वत: संज्ञान लेने की शक्ति अदालत का मूल न्यायाधिकार क्षेत्र है।
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