गुवाहाटी, एक दिसंबर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने झारखंड मंत्रिमंडल के फैसले पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह कुछ चीजों का अध्ययन करने के लिए दो प्रतिनिधिमंडल झारखंड भेजेंगे।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चाय बागानों में काम करने वाले आदिवासियों की दशा के अध्ययन के लिए एक सर्वदलीय टीम असम भेजने का कुछ दिन पहले कैबिनेट बैठक के दौरान फैसला किया था।
हालांकि, शर्मा ने यह नहीं बताया कि असम सरकार किन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए प्रतिनिधिमंडल भेजेगी।
शर्मा से शनिवार रात यहां भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब झारखंड सरकार के फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘पांच दिसंबर को हमारी कैबिनेट में झारखंड के कुछ इलाकों का दौरा करने के बारे में कुछ निर्णय लिए जाएंगे। हम भी वहां जाएंगे और दो-तीन चीजें देखेंगे।"
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जिसके कुछ ही घंटों बाद उनकी सरकार ने असम में चाय बागानों की दशा का अध्ययन करने के लिए एक सर्वदलीय टीम गठित करने का निर्देश दिया था।
उन्होंने कहा, "वे यहां एक टीम भेज रहे हैं, लेकिन हम झारखंड में दो विशेष चीजें देखने के लिए दो प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे। हम अगले सप्ताह निर्णय लेंगे।"
झारखंड में हाल में हुए विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी शर्मा ने कहा, "वे हमसे मिलने आएंगे, हम भी उनसे मिलने जाएंगे।"
सोरेन सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले का एक कारण झामुमो नीत गठबंधन और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बीच चुनाव के दौरान हुई जुबानी जंग भी माना जा रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान शर्मा ने कई बार दावा किया था कि बांग्लादेश से बड़े पैमाने पर घुसपैठ हो रही है, जिसकी वजह से झारखंड के आदिवासी समुदाय की हालत खराब हो रही है।
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